
आज मैंने दिल्ली के मुख्यमंत्री की ज़िम्मेदारी सँभाली है- आतिशी
CM Atishi News In Hindi: 21 सितंबर को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाली आतिशी ने सोमवार को अपना कार्यभार संभाल लिया। हालांकि, आतिशी पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सीट पर नहीं बैठीं, बल्कि उसे खाली ही रखा। दूसरी कुर्सी पर बैठी आतिशी ने कहा कि उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि केजरीवाल ने पद से हटकर राजनीति में गरिमा की मिसाल कायम की है।
लेकिन ये दिल्ली है साहब इस बात पर बहस न हो ऐसा हो सकता है क्या, बस क्या था... जहां आतिशी ने एक दूसरी कुर्सी पर बैठ कर सीएम का पदभार संभाल, बस इसी को मुद्दा बनाकर अब आप सरकार को घेरने का काम किया जा रहा है। इसको लेकर कुछ ही देर बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इसे "ड्रामा" करार दिया। वहीं इसको लेकर कई तरह की बात भी लिखी गई...
बता दें कि इस पदभार ग्रहण के बाद भाजपा के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने लिखा, "दिल्ली में ये ड्रामा बंद होना चाहिए। आज आतिशी मार्लेना ने अपने मुख्यमंत्री की कुर्सी के बगल में खाली कुर्सी रखकर कार्यभार संभाल लिया। इसका मतलब है कि आतिशी दिल्ली सरकार की मनमोहन सिंह हैं और असली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हैं, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सचिवालय जाने से रोक दिया है, फाइलों पर हस्ताक्षर करना तो दूर की बात है।"
दिल्ली में ये ड्रामा बंद होना चाहिए। आज आतिशी मार्लेना ने अपनी मुख्यमंत्री की कुर्सी के बगल में एक खाली कुर्सी रखकर पदभार संभाला।
— Amit Malviya (@amitmalviya) September 23, 2024
यानी आतिशी दिल्ली सरकार की मनमोहन सिंह हैं और असली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने फाइल साइन करना तो दूर, दिल्ली सचिवालय जाने से… pic.twitter.com/HKy2xPpu0u
वहीं इसको लेकर सामने आई जानकारी मुताबिक, आतिशी ने कहा, "मैं दिल्ली के मुख्यमंत्री के तौर पर चार महीने तक काम करूंगी, जैसे भरत ने भगवान राम की खड़ाऊं को सिंहासन पर रखकर काम किया था। अरविंद केजरीवाल ने पद छोड़कर राजनीति में गरिमा की मिसाल कायम की है। भाजपा ने उनकी छवि खराब करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।"
उन्होंने कहा, "उम्मीद है कि लोग फरवरी में होने वाले चुनावों में केजरीवाल को वापस लाएंगे, तब तक उनकी कुर्सी मुख्यमंत्री कार्यालय में रहेगी।"
आज मैंने दिल्ली के मुख्यमंत्री की ज़िम्मेदारी सँभाली है। आज मेरे मन में वो ही व्यथा है जो भरत के मन में थी जब उनके बड़े भाई भगवान श्री राम 14 साल के वनवास पर गए थे, और भरत जी को अयोध्या का शासन सँभालना पड़ा था। जैसे भरत ने 14 साल भगवान श्री राम की खड़ाऊँ रख कर अयोध्या का शासन… pic.twitter.com/OkNEgtYIq4
— Atishi (@AtishiAAP) September 23, 2024
इस बीच, भाजपा ने आतिशी के कृत्य की आलोचना की और कहा कि "यह नाटक बंद होना चाहिए"। संविधान का मजाक है। मुख्यमंत्री पद और गोपनीयता की शपथ आतिशी ने ली थी, खाली कुर्सी पर बैठे केजरीवाल के भूत ने नहीं।"
खैर इस मामले में कब तक इस तरह का वार पलटवार का दौर जारी रहेगा, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा। लेकिन दिल्ली में आप की सरकार ने नए मुख्यमंत्री की कमान के साथ अपनी सरकार का काम शुरू कर दिया है।
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