दिल्ली सरकार को कोविड इलाज पर खर्च के लिए न्यायिक अधिकारी को 16 लाख रुपये देने का निर्देश

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दिल्ली सरकार को कोविड इलाज पर खर्च के लिए न्यायिक अधिकारी को 16 लाख रुपये देने का निर्देश
Published : Nov 23, 2022, 5:10 pm IST
Updated : Nov 23, 2022, 5:10 pm IST
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Delhi government directed to pay Rs 16 lakh to judicial officer for expenses on Covid treatment
Delhi government directed to pay Rs 16 lakh to judicial officer for expenses on Covid treatment

सरकार को चार सप्ताह के भीतर 16 लाख रुपये से अधिक की शेष राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया।

New Delhi :  दिल्ली उच्च न्यायालय ने नगर सरकार को निर्देश दिया है कि वह जिला न्यायपालिका के एक सेवारत न्यायाधीश को महामारी की दूसरी लहर के दौरान कोविड के इलाज पर हुए खर्च के लिए तत्काल 16 लाख रुपये से अधिक की भरपाई करे।

उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार के वकील की इस दलील को मानने से इनकार कर दिया कि जिस निजी अस्पताल में अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (एडीजे) का इलाज किया गया था, उसे यह बताने के लिए कहा जाएगा कि उसने सरकारी परिपत्र में निर्धारित राशि से अधिक शुल्क क्यों लिया। उन्होंने कहा कि अस्पताल को 16,93,880 रुपये की अधिक राशि वापस करने का निर्देश दिया जाएगा।

न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने कहा कि तथ्य यह है कि अप्रैल-मई 2021 के दौरान, जब दिल्ली के लोग न केवल अस्पताल में बिस्तर पाने के लिए संघर्ष कर रहे थे, बल्कि चिकित्सकीय ऑक्सीजन की भी भारी कमी थी, याचिकाकर्ता न्यायाधीश के पास निजी अस्पताल में इलाज कराने के अलावा और कोई विकल्प नहीं था और शुक्र है कि वह बच गए। उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘यह सोचते हुए भी सिहरन उठती है कि अगर याचिकाकर्ता का उस समय अस्पताल में इलाज नहीं होता तो उनका क्या अंजाम होता।’’

यहां साकेत जिला अदालत में तैनात एडीजे दिनेश कुमार को कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान संक्रमित होने के बाद 22 अप्रैल से 7 जून, 2021 के बीच राष्ट्रीय राजधानी के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह वहां तीन सप्ताह तक वेंटिलेटर पर रहे।

न्यायाधीश को अस्पताल को 24,02,380 रुपये का भुगतान करना पड़ा जबकि सरकार ने केवल 7,08,500 रुपये की भरपाई इस आधार पर की कि अस्पताल ने कोविड-19 से पीड़ित रोगियों के इलाज के लिए निर्धारित शुल्क की अनदेखी की थी। पूरी राशि की भरपाई के लिए सरकार के इनकार के खिलाफ उन्होंने उच्च न्यायालय का रुख किया।

उच्च न्यायालय ने उनकी याचिका को स्वीकार कर लिया और सरकार को चार सप्ताह के भीतर 16 लाख रुपये से अधिक की शेष राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया। उच्च न्यायालय ने यह स्पष्ट कर दिया कि उसने जून 2020 के परिपत्र की वैधता पर कोई राय व्यक्त नहीं की है, इसलिए, सरकार अस्पताल के खिलाफ कानून के अनुसार दंडात्मक कार्रवाई या जुर्माना समेत अन्य कार्रवाई कर सकती है।

Location: India, Delhi, New Delhi

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