शिक्षकों को फिनलैंड भेजने की अनुमति को लेकर सिसोदिया ने LG को दोबारा लिखी चिट्ठी

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शिक्षकों को फिनलैंड भेजने की अनुमति को लेकर सिसोदिया ने LG को दोबारा लिखी चिट्ठी
Published : Feb 24, 2023, 10:08 am IST
Updated : Feb 24, 2023, 11:36 am IST
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Sisodia writes to LG again for permission to send teachers to Finland
Sisodia writes to LG again for permission to send teachers to Finland

सिसोदिया ने उपराज्यपाल से फाइल वापस करने को कहा ताकि शिक्षकों को विदेश भेजने की प्रक्रिया शुरू की जा सके।

New Delhi: दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बृहस्पतिवार को उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना को एक पत्र लिखकर सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को फिनलैंड भेजने के दिल्ली सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी देने का अनुरोध किया। सिसोदिया के पास शिक्षा विभाग का भी प्रभार है। उन्होंने सरकारी नियमों का हवाला देते हुए कहा कि उपराज्यपाल ‘ऐसे प्रस्तावों को 15 दिनों से अधिक समय तक नहीं रोक सकते हैं।’’

सिसोदिया ने सक्सेना को लिखे पत्र में कहा, ‘‘उपराज्यपाल के पास शिक्षकों के प्रशिक्षण प्रस्ताव को भेजे हुए करीब एक महीने का समय बीत चुका है। जीएनसीटीडी-2021 कार्य निष्पादन संशोधन के नियम-49 के तहत उपराज्यपाल और मंत्री के बीच किसी मामले में अलग-अलग राय होने की स्थिति में उपराज्यपाल को 15 दिनों के भीतर चर्चा के जरिये अलग-अलग राय का समाधान करना चाहिए।’’ 

उन्होंने दावा किया कि उपराज्यपाल ने प्रस्ताव पर आपत्ति जताकर फाइल को दो बार रोक दिया जबकि सरकार की मंजूरी थी। सिसोदिया ने कहा कि उन्होंने कम से कम दो बार इस विषय पर उपराज्यपाल को लिखा है। 

आम आदमी पार्टी (आप) नेता ने कहा, ‘‘ संविधान और कार्य निष्पादन नियम-1993 के तहत शिक्षा ‘हस्तांरित’ विषय है और जीएनसीटीडी (दिल्ली सरकार) का इस पर एकमात्र कार्यकारी नियंत्रण है। इसलिए उपराज्यपाल को शिक्षा के मामले में फैसला लेने का कोई अधिकार नहीं है।’’ 

सिसोदिया ने पत्र में कहा कि अगर उपराज्यपाल की राय किसी मामले में मंत्री से अलग होती है तो वह उक्त मामले को विचार के लिए राष्ट्रपति को संदर्भित कर सकते हैं।  उन्होंने कहा, ‘‘..लेकिन राष्ट्रपति को मामला भेजने से पहले यह जरूरी है कि वह चर्चा के जरिये मामले को संबंधित मंत्री से चर्चा कर सुलझाने का प्रयास करें और मामले को मंत्रिपरिषद को भेजे।’’

सिसोदिया ने उल्लेख किया कि अगर मतभेद बना रहता है तो मामले को मंत्रिपरिषद को भेजा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘अगर मामला अनसुलझा रहता है या तय समय में मंत्रिपरिषद द्वारा फैसला नहीं लिया जाता है तो माना जाता है कि विचारों में मतभेद कायम है और नियम 50 के तहत उपराज्यपाल विषय को राष्ट्रपति के पास फैसले के लिए भेजते हैं।’’ 

सिसोदिया ने उपराज्यपाल से फाइल वापस करने को कहा ताकि शिक्षकों को विदेश भेजने की प्रक्रिया शुरू की जा सके। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को फिनलैंड भेजने का दिल्ली सरकार का फैसला अंतिम चरण में है। 

उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार ने 20 जनवरी को उपराज्यपाल कार्यालय को प्रस्ताव भेजकर शिक्षकों को फिनलैंड जाने की अनुमति देने का अनुरोध किया था। इसके कुछ दिनों बाद सक्सेना ने सरकार से पहले इस कार्यक्रम पर आने वाले खर्च और उससे होने वाले लाभ का विश्लेषण कराने को कहा था।

Location: India, Delhi, New Delhi

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