सीबीआई ने 26 फरवरी को सिसोदिया को गिरफ्तार किया था और 58वें दिन आरोप पत्र दाखिल कर दिया, ..
New Delhi: सीबीआई ने मंगलवार को कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले में दिल्ली की एक अदालत में पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और तीन अन्य के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर किया। विशेष न्यायाधीश एम के नागपाल ने आरोप पत्र पर विचार करने के लिए 12 मई की तारीख तय की। सीबीआई ने दलील दी कि सिसोदिया के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिये मंजूरी सक्षम अधिकारियों से प्राप्त कर ली गयी है।
एजेंसी ने अदालत को बताया कि अंतिम रिपोर्ट में हैदराबाद निवासी चार्टर्ड अकाउंटेंट बी बाबू गोरांतला, शराब कारोबारी अमनदीप सिंह ढल और एक अन्य व्यक्ति अर्जुन पांडेय के भी नाम हैं। इस रिपोर्ट में गवाहों की एक सूची भी है।
सीबीआई ने 26 फरवरी को सिसोदिया को गिरफ्तार किया था और 58वें दिन आरोप पत्र दाखिल कर दिया, जिससे उन्हें स्वत: जमानत मिलने की संभावना नहीं रहेगी। सीबीआई ने भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के प्रावधानों के साथ भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी, 201 और 420 लगाई है।
यहां विशेष सीबीआई अदालत में दाखिल आरोप पत्र में एजेंसी ने कहा कि व्यापक साजिश का पता लगाने और मामले में अन्य आरोपियों की भूमिका का पता लगाने के लिए जांच को जारी रखा गया है।
सीबीआई ने आरोप पत्र के कॉलम 12 में पूर्व आबकारी आयुक्त ए गोपी कृष्ण के नाम का भी उल्लेख किया और कहा कि वह संदिग्ध हैं, लेकिन उन पर मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं। चारों आरोपियों में से सिसोदिया और ढल फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
बी बाबू को मामले में छह मार्च को जमानत दे दी गयी थी, वहीं पांडेय को मामले में सीबीआई ने गिरफ्तार नहीं किया। सीबीआई ने पिछला आरोप पत्र 25 नवंबर, 2022 को दायर किया था।