न्यायमूर्ति वर्मा ने आनंद और आनंद लॉ फर्म की ओर से आयोजित भारतीय विज्ञान प्रतियोगिता में इस पहल को एक महान कदम बताया।
New Delhi: दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने शनिवार को कहा कि प्रौद्योगिकी ने काम करने, संवाद, शिक्षा और सीखने के तरीके को बदल दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) ने भारत को सशक्त बनाया है और इससे एक क्रांति आई है। न्यायमूर्ति वर्मा ने आनंद और आनंद लॉ फर्म की ओर से आयोजित भारतीय विज्ञान प्रतियोगिता में इस पहल को एक महान कदम बताया।
लॉ फर्म की ओर से जारी एक बयान में न्यायमूर्ति वर्मा के हवाले से कहा गया है, ‘‘आज, हम चौथी औद्योगिक क्रांति के शिखर पर खड़े हैं और पाते हैं कि जिस तरह से हम काम करते हैं, संवाद करते हैं, शिक्षा ग्रहण करते हैं और सीखते हैं, उस लिहाज से सब कुछ बदल गया है। हम एआई (कृत्रिम मेधा), इंटरनेट, ड्राइवरविहीन कारों की तेजी से पैठ देख रहे हैं।' उन्होंने ‘नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन’ जैसी सरकारी पहल के बारे में भी बात की, जो विज्ञान और खोज को बढ़ावा देने के लिए भारत की भावना को प्रोत्साहित करती है।
फर्म के प्रबंध भागीदार और वकील प्रवीण आनंद ने कहा कि महान भारतीय विज्ञान को केवल बौद्धिक संपदा (आईपी) अधिकारों के माध्यम से संरक्षित किया जा सकता है और इसलिए, ‘‘वैज्ञानिकों की सहायता करने वाले वकीलों की एक विशाल सेना को प्रेरित करने की आवश्यकता है।’’
दिल्ली उच्च न्यायालय की न्यायाधीश प्रतिभा सिंह ने भारतीय विज्ञान प्रतियोगिता जैसी प्रतियोगिताओं के महत्व पर जोर दिया, क्योंकि उनमें राष्ट्र की भलाई के लिए विज्ञान को अपनाने के वास्ते एक पूरी पीढ़ी को प्रेरित करने की क्षमता है।