प्रचंड के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी भारत आया है।
New Delhi: नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल 'प्रचंड' ने बुधवार को भारत की अपनी चार दिवसीय यात्रा शुरू की। उनकी इस यात्रा से दोनों देशों के बीच पहले से ही प्रगाढ़ संबंधों में नयी गति आने की उम्मीद है। प्रचंड (68) ने दिसंबर 2022 में प्रधानमंत्री पद का कार्यभार संभाला था और उसके बाद, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-माओवादी (सीपीएन-माओवादी) नेता की यह पहली द्विपक्षीय विदेश यात्रा होगी।.
विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने दिल्ली में हवाई अड्डे पर उनकी अगवानी की।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया, ‘‘नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड कार्यभार ग्रहण करने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा पर नयी दिल्ली पहुंचे। विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने हवाई अड्डे पर गर्मजोशी से उनका स्वागत किया। यह यात्रा भारत-नेपाल के घनिष्ठ और अनोखे संबंधों को नयी गति प्रदान करेगी।".
प्रचंड के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी भारत आया है।
प्रचंड और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बृहस्पतिवार को वार्ता करेंगे। उसके बाद दोनों पक्षों द्वारा कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाने की उम्मीद है। प्रचंड का राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से भी मिलने का कार्यक्रम है।
नेपाल इस क्षेत्र में अपने समग्र रणनीतिक हितों के संदर्भ में भारत के लिए अहम है और दोनों देशों के नेताओं ने अक्सर सदियों पुराने "रोटी बेटी" संबंधों को रेखांकित किया है।
नेपाल और भारत की सीमा 1850 किमी से अधिक लंबी है। नेपाल की सीमा पांच भारतीय राज्यों - सिक्किम, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से लगी है। चारों ओर से स्थल से घिरा नेपाल माल और सेवाओं के परिवहन के लिए भारत पर काफी निर्भर करता है। नेपाल की समुद्र तक पहुंच भारत के रास्ते है।.
भारत-नेपाल शांति एवं मैत्री संधि, 1950 दोनों देशों के विशेष संबंधों का आधार है। प्रचंड शुक्रवार सुबह इंदौर जाएंगे और अगले दिन काठमांडू लौट जाएंगे।