किताब जारी की और रिबन फेंकने के बजाय उसे अपनी जेब में रख लिया।
PM Modi News In Hindi: देश में सुप्रीम कोर्ट की स्थापना के 75 साल पूरे होने पर शनिवार को डाक टिकटों और सिक्कों का लोकार्पण किया गया। इस विमोचन समारोह का वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किताब का रिबन फेंकने की बजाय अपनी जेब में रख रहे हैं। सोशल मीडिया पर उनके व्यवहार को स्वच्छ भारत अभियान का प्रतीक बताया जा रहा है। मंच पर उनके साथ भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ भी नजर आ रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट की स्थापना के 75 साल पूरे होने पर आयोजित डाक टिकट विमोचन समारोह में केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कपिल सिब्बल भी मौजूद रहे। इसे भारत मंडपम में जिला न्यायपालिका के दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन समारोह के दौरान जारी किया गया।
भारत मंडपम में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के 75 साल, ये सिर्फ एक संस्था की यात्रा नहीं है। यह भारत के संविधान और उसके संवैधानिक मूल्यों के माध्यम से एक यात्रा है। यह लोकतंत्र के रूप में भारत की और परिपक्वता की यात्रा है। उन्होंने कहा कि मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि सुप्रीम कोर्ट ने हमारी संस्था में हमारे विश्वास और विश्वास को बरकरार रखा है। आपातकाल के काले दौर में भी सुप्रीम कोर्ट ने हमारे मौलिक अधिकारों की गारंटी दी और जब भी राष्ट्रीय हित का सवाल आया, सुप्रीम कोर्ट ने हमेशा राष्ट्रीय अखंडता की रक्षा की।
भारत की जनता ने कभी भी भारतीय न्यायपालिका और सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा नहीं किया। इसलिए, सुप्रीम कोर्ट के ये 75 वर्ष लोकतंत्र की जननी के रूप में भारत की महिमा को और बढ़ाते हैं। मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि सुप्रीम कोर्ट ने हमारी संस्था में हमारे विश्वास और विश्वास को बरकरार रखा है।
#WATCH | Delhi: Prime Minister Narendra Modi unveils the stamp and coin commemorating 75 years of the establishment of the Supreme Court of India.
— ANI (@ANI) August 31, 2024
Union Minister Arjun Ram Meghwal, CJI DY Chandrachud and President of Supreme Court Bar Association, Kapil Sibal also present at the… pic.twitter.com/sNpToDWjcc
उन्होंने कहा कि समाज की सबसे बड़ी ताकत महिलाओं की सुरक्षा है। महिलाओं की सुरक्षा के लिए देश में कई सख्त कानून बनाए गए हैं लेकिन हमें इसे और अधिक सक्रिय बनाने की जरूरत है। महिलाओं पर अत्याचार के मामलों में जितनी तेजी से फैसले होंगे, उतनी ही आधी आबादी को सुरक्षा का भरोसा दिलाया जा सकेगा। आजादी के स्वर्णिम युग में 140 करोड़ देशवासियों का एक ही सपना है- विकसित भारत, नया भारत। न्यू इंडिया यानी सोच और इरादों में आधुनिक भारत।
हमारी न्यायपालिका इस दृष्टिकोण का एक मजबूत स्तंभ है। पिछले एक दशक में न्याय में देरी को ख़त्म करने के लिए कई स्तरों पर प्रयास किए गए हैं। पिछले 10 वर्षों में देश ने न्यायिक बुनियादी ढांचे के विकास के लिए लगभग 8 हजार करोड़ रुपये खर्च किए हैं। पिछले 25 वर्षों में न्यायिक ढांचे पर खर्च की गई राशि का 75 प्रतिशत अकेले पिछले 10 वर्षों में खर्च किया गया है।
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