‘गुजरात घोषणा’ में स्वदेशी ज्ञान, जैव विविधता और पारंपरिक, पूरक और एकीकृत चिकित्सा के प्रति वैश्विक प्रतिबद्धताओं को दोहराया गया है।
New Delhi: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने ‘गुजरात घोषणा’ के रूप में आयोजित पहले ‘डब्ल्यूएचओ पारंपरिक चिकित्सा वैश्विक शिखर सम्मेलन-2023’ का परिणामी दस्तावेज जारी किया है। आयुष मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि ‘गुजरात घोषणा’ में स्वदेशी ज्ञान, जैव विविधता और पारंपरिक, पूरक और एकीकृत चिकित्सा के प्रति वैश्विक प्रतिबद्धताओं को दोहराया गया है।
संगठन ने बयान में दोहराया कि गुजरात के जामनगर में ‘डब्ल्यूएचओ ग्लोबल ट्रेडिशनल मेडिसिन सेंटर’ के मेजबान के रूप में डब्ल्यूएचओ की क्षमताओं को बढ़ाने में गुजरात की एक अहम भूमिका है। शिखर सम्मेलन कार्रवाई एजेंडा और अन्य प्रासंगिक प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने में सदस्य देशों और हितधारकों का सहयोग करने के लिहाज से इस क्षमता में बढ़ोतरी अहम है।
बयान में कहा गया है कि गुजरात के गांधीनगर में आयोजित दो दिवसीय ‘डब्ल्यूएचओ पारंपरिक चिकित्सा वैश्विक शिखर सम्मेलन 2023’ के कार्य बिंदु शिखर सम्मेलन में प्रस्तुत साक्ष्य, चर्चा और परिणामों पर आधारित हैं।
केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने शिखर सम्मेलन में कहा था, ‘‘गुजरात घोषणा पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली के हमारे प्राचीन ज्ञान को बढ़ावा देने के लिए हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। सहयोगात्मक प्रयासों और टिकाऊ प्रार्थना के माध्यम से हम आगामी पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ भविष्य सुनिश्चित कर सकते हैं।’’
शिखर सम्मेलन के दौरान डब्ल्यूएचओ निदेशक डॉ. टेड्रोस एडनोम घेब्रेयसस ने कहा कि ‘गुजरात घोषणा’ विज्ञान के नजरिये से पारंपरिक चिकित्सा की क्षमता का दोहन करने में उत्प्रेरक के रूप में काम करेगी और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणालियों में पारंपरिक दवाओं के एकीकरण पर ध्यान केंद्रित करेगी।
गुजरात घोषणापत्र में सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के लक्ष्य और सभी तरह के स्वास्थ्य संबंधी सतत विकास लक्ष्यों की ओर इंगति किया गया है। इसमें इन लक्ष्यों के समर्थन में साक्ष्य-आधारित टीसीआईएम (पारंपरिक मानार्थ एकीकृत चिकित्सा) हस्तक्षेप और दृष्टिकोण को लागू करने के प्रयासों को बढ़ाने की बात कही गई है।