मामले में राहुल गांधी को दो साल कारावास की सजा सुनाई गई है।
सूरत : गुजरात के सूरत शहर की एक सत्र अदालत ने ‘मोदी उपनाम’ संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ दायर मानहानि के मामले में सुरत सेशन कोर्ट में सुनवाई शुरू हो चुकी है। आज की सुनवाई में राहुल ने आपराधिक मानहानि केस में उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने का अनुरोध किया है. इस मामले में राहुल गांधी को दो साल कारावास की सजा सुनाई गई है।
भाजपा के विधायक एवं शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी ने इसी अदालत में पहले दाखिल किए गए अपने जवाब में राहुल गांधी की याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि कांग्रेस नेता ‘‘बार-बार अपराध’’ करते हैं और उन्हें अपमानजनक बयान देने की आदत है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आर पी मोगेरा की अदालत में दोनों पक्षों ने गुरुवार को दलीलें पेश करनी शुरू कीं।
अदालत कक्ष में प्रवेश करने से पहले पूर्णेश मोदी के वकील केतन रेशमवाला ने कहा, ‘‘अदालत पहले राहुल गांधी के वकीलों की दलीलें सुनेगी, जो उनकी दोषसिद्धि पर रोक का अनुरोध करेंगे। इसके बाद हम दोषसिद्धि पर रोक संबंधी याचिका के खिलाफ अपनी आपत्तियां और दलीलें पेश करेंगे।’’
सूरत में मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की एक अदालत ने 13 अप्रैल, 2019 को एक चुनावी रैली में ‘‘मोदी उपनाम’’ संबंधी टिप्पणी को लेकर राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज आपराधिक मानहानि के मामले में उन्हें इस साल 23 मार्च को दोषी ठहराते हुए दो साल कारावास की सजा सुनाई थी।
गांधी ने इस फैसले के खिलाफ न्यायाधीश मोगेरा के समक्ष याचिका दायर की है। उन्होंने इस बीच दोषसिद्धि पर रोक लगाए जाने का भी अनुरोध किया है। याचिका में गांधी ने अपनी सजा को ‘‘त्रुटिपूर्ण’’ और स्पष्ट रूप से अनुचित करार दिया है।