जेपी ऐसे राजनेता थे जो देश की आजादी और आजाद भारत में सरकार की तानाशाही के खिलाफ जेल गए।
Manoharlal Khattar said Jaiprakash Narayan thoughts are still relevant today News in Hindi: नई दिल्ली: केंद्रीय नगर विकास और लोक निर्माण मंत्री मनोहरलाल खट्टर ने कहा कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण समरस समाज के हिमायती थे। उनके विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितना उस समय थे। जेपी ऐसे राजनेता थे जो देश की आजादी और आजाद भारत में सरकार की तानाशाही के खिलाफ जेल गए।
खट्टर आज यहां बहादुर शाह जफर मार्ग स्थित जेपी उद्यान में राष्ट्रीय संगत पंगत द्वारा आयोजित जयप्रकाश की 122 वीं जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जेपी ने जीवनभर समाज की खुशहाली के लिए काम किया। 1975 में जब लोगों की अभिव्यक्ति की आजादी पर रोक लगी तो जेपी 73 वर्ष की आयु में भी युवा जोश के हुंकार के साथ उठ खड़े हुए और तब की तानाशाही सरकार को उखाड़ कर ही दम लिया।
इससे पूर्व राष्ट्रीय संगत पंगत के संस्थापक अध्यक्ष, पूर्व सांसद डॉ आर के सिन्हा ने कहा कि देश के महान नेता होते हुए भी कभी किसी विधानसभा या लोकसभा में नहीं गए। लेकिन राजनीति में उनका कद इतना बड़ा था कि जब इंदिरा गांधी ने देश में इमरजेंसी लगाई तो पूरे देश को एकजुट करके ऐसा माहौल तैयार किया कि सरकार को घुटने टेकने पड़े और सत्ता गंवानी पड़ी।
डॉ सिन्हा ने कहा कि राजनीति में जेपी जिस पद पर जाना चाहते, जा सकते थे। लेकिन उन्होंने दिखा दिया कि उनके मन में लोगों की सेवा की भावना है, पद की लालसा नहीं। आर के सिन्हा ने जेपी उद्यान की बदहाली पर चिंता व्यक्त करते हुए इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की मांग की, जिसे मंत्री ने पूरा करने का आश्वासन दिया।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के अध्यक्ष पद्मश्री राम बहादुर राय ने कहा कि जेपी के 'एक देश, एक चुनाव' की कल्पना को नरेंद्र मोदी की सरकार साकार कर रही है। जेपी जयंती समारोह को लोकनायक जयप्रकाश अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन विकास केंद्र के राष्ट्रीय महासचिव अभय सिन्हा, राम नगीना सिंह, अनूप श्रीवास्तव, अशोक श्रीवास्तव, वरिष्ठ पत्रकार सुधांशु रंजन समेत कई लोगों ने संबोधित किया। धन्यवाद ज्ञापन रत्ना सिन्हा ने किया।
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