कांग्रेस ने गुरूवार को हिमाचल प्रदेश की 68 सदस्यीय विधानसभा में 40 सीटों पर जीत दर्ज की। इसी के साथ पहाड़ी राज्य में वर्ष 1985 से किसी भी...
शिमला : हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हाथों से सत्ता छीनने वाली कांग्रेस ने शुक्रवार को शिमला में अपने सभी नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक बुलाई है, जिसमें पार्टी अध्यक्ष को राज्य के नए मुख्यमंत्री के चयन का अधिकार देने वाला प्रस्ताव पारित हो सकता है।
कांग्रेस के दो पर्यवेक्षक-छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और हरियाणा के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा-अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के हिमाचल प्रदेश से जुड़े मामलों के प्रभारी राजीव शुक्ला के साथ शिमला पहुंच चुके हैं।
कांग्रेस ने गुरूवार को हिमाचल प्रदेश की 68 सदस्यीय विधानसभा में 40 सीटों पर जीत दर्ज की। इसी के साथ पहाड़ी राज्य में वर्ष 1985 से किसी भी निवर्तमान सरकार के दोबारा सत्ता में न आने की परंपरा बरकरार रही। कांग्रेस के सामने मुख्यमंत्री पद का ऐसा चेहरा तलाशने की चुनौती है, जो पार्टी को आगे चलकर बांधे रख सके।
प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह को मुख्यमंत्री पद का मुख्य दावेदार माना जा रहा है। पार्टी के पूर्व प्रमुख सुखविंदर सिंह सुक्खू और कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के निवर्तमान नेता मुकेश अग्निहोत्री भी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल बताए जा रहे हैं।
कांग्रेस नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने शिमला में संवाददाताओं से कहा कि ‘विधायकों की सामूहिक इच्छा रखी जाएगी और फिर पर्यवेक्षक इसे आलाकमान तक पहुंचाएंगे।’
एक सवाल के जवाब में सिंह ने कहा, “आलाकमान जो भी फैसला लेगा, हम सबको स्वीकार होगा।” उन्होंने कहा, “हमारे लिए पद अहम नहीं है। हमारे लिए लोगों से किए गए वादों को पूरा करना महत्वपूर्ण है और हम ऐसा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
एक अन्य सवाल के जवाब में सिंह ने कहा कि यह फैसला विधायकों और आलाकमान को लेना है कि वे किसे अगला मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं। हालांकि, उन्होंने कहा, “हम सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे और आने वाले दो-तीन दिनों में अगली सरकार बन जाएगी।”