प्रतिभा सिंह (66) ने संकेत दिया है कि वह मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं। उनके बेटे ने भी इस बात की ओर इशारा किया है।
शिमला : हिमाचल प्रदेश में नवनिर्वाचित कांग्रेस विधायकों की ओर से आम सहमति से प्रस्ताव पास करके विधायक दल का नेता चुनने का अधिकार पार्टी अध्यक्ष को दिये जाने के एक दिन बाद शनिवार को भी मुख्यमंत्री पद के लिए लामबंदी जारी रही।
सुबह से ही कांग्रेस विधायकों का शिमला स्थित सेसिल होटल में जमावड़ा होने लगा जहां पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक-छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश पटेल और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ठहरे हुए हैं।
विधानसभा चुनाव में स्पष्ट जनादेश के साथ मिली जीत के बावजूद कांग्रेस को छह बार मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह के निधन से उत्पन्न हुए शून्य की भरपाई करने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। कांग्रेस को विधायक दल के नेता को लेकर आम सहमति बनाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। विधायक दल का नेता ही मुख्यमंत्री होगा।
माना जा रहा है कि राज्य कांग्रेस प्रमुख प्रतिभा सिंह, विधानसभा में अभी तक विपक्ष के नेता रहे मुकेश अग्निहोत्री और चुनाव प्रचार समिति के प्रमुख सुखविंदर सिंह सुक्खू समेत कई नेता शीर्ष पद की दौड़ में शामिल हैं और उन्होंने पर्यवेक्षकों से अलग-अलग मुलाकात की है।
प्रतिभा सिंह (66) ने संकेत दिया है कि वह मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं। उनके बेटे ने भी इस बात की ओर इशारा किया है।
संवाददाताओं से शनिवार को बातचीत में सुक्खू ने कहा, ‘‘मैं मुख्यमंत्री पद का आकांक्षी नहीं हूं। मैं केवल एक कांग्रेस कार्यकर्ता हूं। शीर्ष नेतृत्व जो भी निर्णय लेगा वह मुझे मंजूर होगा।’’
इसके पहले शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश में एआईसीसी के प्रभारी राजीव शुक्ला के साथ पर्यवेक्षकों ने राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से मुलाकात की और उन्हें पार्टी के विजेता विधायकों की सूची सौंपकर सरकार बनाने का दावा करने के लिए समय मांगा। 68 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के पास 40 विधायक हैं।