शर्मा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के लोग इस वर्ष मानसून के दौरान अभूतपूर्व प्राकृतिक आपदा से पीड़ित हैं।
New Delhi: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने बुधवार को केंद्र सरकार से आपदा प्रभावित हिमाचल प्रदेश के लिए तत्काल अंतरिम राहत पैकेज जारी करने का आग्रह किया और कहा कि ऐसी स्थिति में दलगत राजनीति के लिए कोई स्थान नहीं होना चाहिए। उन्होंने उच्चतम न्यायालय से मामले पर तत्काल संज्ञान लेने और राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) से हस्तक्षेप करने और राज्य में भविष्य की सभी परियोजनाओं के लिए दिशानिर्देशों, अनिवार्य मापदंडों और प्रौद्योगिकी की समीक्षा करने का भी अनुरोध किया।
शर्मा ने एक बयान में कहा कि पहाड़ों को काटने और लाखों पेड़ों की कटाई को तत्काल मंजूरी और इसके बाद (मंजूरी के उपरांत) समयबद्ध फोरेंसिक ऑडिट का आदेश दिया जाना चाहिए और सभी स्तरों पर जवाबदेही तय की जानी चाहिए।
उनका यह भी कहना था कि संकट की इस घड़ी में हिमाचल प्रदेश को देश के समर्थन एवं सहयोग की जरूरत है। शर्मा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के लोग इस वर्ष मानसून के दौरान अभूतपूर्व प्राकृतिक आपदा से पीड़ित हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि जानमाल की हानि और राजमार्गों और रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण पुलों सहित बुनियादी ढांचे को भारी क्षति हुई है।
शर्मा ने कहा, ‘‘उम्मीद थी कि केंद्र सरकार एक विशेष राहत पैकेज को मंजूरी देगी और हिमाचल प्रदेश के लोगों के साथ खड़ी होगी। यह केंद्र का संवैधानिक कर्तव्य है।" उन्होंने कहा कि केंद्र का उदासीन रवैया और पैकेज की घोषणा में देरी बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और अस्वीकार्य है।