बता दें कि देश में कुल 48 दवाएं गुणवत्ता के मानकों पर खरी नहीं उतरी हैं, जिसमें 11 दवाओं का उत्पादन हिमाचल में हुआ है।
शिमला: केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की जांच में हिमाचल में बनी 11 दवाओं के सेंपल फेल हो गए हैं. जो दवाएं गुणवत्ता के पैमाने पर खरा नहीं उतरी हैं, इसमें हार्ट अटैक के दौरान इस्तेमाल होने वाले इंजैक्शन, बीपी, एंटी बायोटिक, एलर्जी व दिल की बीमारी से संबंधित दवाएं शामिल हैं।
बता दें कि देश में कुल 48 दवाएं गुणवत्ता के मानकों पर खरी नहीं उतरी हैं, जिसमें 11 दवाओं का उत्पादन हिमाचल में हुआ है। यह खुलासा सीडीएससीओ द्वारा जारी अगस्त माह के ड्रग अलर्ट में हुआ है।
सीडीएससीओ ने देशभर से 1166 दवाओं के सैंपल भरे थे, जिसमें से 1118 दवाइयां मानकों पर खरी उतरी हैं। जबकि जांच के दौरान 48 दवाएं सबस्टैंडर्ड पाई गई हैं.
इन दवाओं के सैंपल हिमाचल के राज्य दवा नियंत्रक प्राधिकरण, सीडीएससीओ बैगलोर, कोलकाता, चैन्नई, मुंबई, गाजियाबाद, अहमदाबाद, हैदराबाद व ड्रग डिपार्टमेंट ने जांच के लिए जुटाए थे, जिनकी जांच सीडीएल लैब में हुई और जाचं रिपोर्ट गुरुवार को सार्वजनिक की गई।
राज्य दवा नियंत्रक नवनीत मारवाह ने बताया कि हिमाचल के जिन दवा उद्योगों के बार-बार सैंपल फेल हो रहे हैं, उन उद्योगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी और गुणवत्तापूर्ण दवा निर्माण सुनिश्चित करने के लिए रिस्क बेस्ड इंस्पेकशन किया जाएगा। खामी पाई गई, तो लाइसेंस सस्पेंड कर दिया जाएगा।
मारवाह ने बताया कि सीडीएससीओ दवारा जारी अगस्त माह के ड्रग अलर्ट में शामिल सभी सबंधित दवा कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए सबंधित बैच का पुरा स्टाक वापस मंगवाने के निर्देश दिए गए हैं।