पुलिस अधिकारी ने निवासियों से अनुरोध किया कि वे अनावश्यक यात्रा न करें।
शिमला: हिमाचल प्रदेश में बीती रात बारिश के बाद भूस्खलन की घटनाओं में दो लोगों की मौत हो गई, 200 से अधिक सड़कें बंद हो गईं जबकि कुछ मकान क्षतिग्रस्त हो गए। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि बलदेयां इलाके में एक कच्चे घर में झालो नामक प्रवासी और उनकी पत्नी राजकुमारी का शव मिला।
पुलिस अधिकारी ने निवासियों से अनुरोध किया कि वे अनावश्यक यात्रा न करें। इन दो लोगों की मौत के साथ ही बीते दस दिन में शिमला जिले में बारिश संबंधी घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर 26 हो गई। इनमें से 17 लोगों की मौत समर हिल इलाके में हुए भूस्खलन में हुई जबकि पांच की जान फागली और दो की कृष्णा नगर में हुए भूस्खलन के चलते हुई।
सोलन जिले में भूस्खलन के चलते कुछ मकानों को भी नुकसान हुआ है। सोलन के उपायुक्त मनमोहन शर्मा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि सोलन शहर के बाहरी इलाके में स्थित शाकल गांव में मकानों में पानी घुसने से कुछ घर क्षतिग्रस्त हो गए। भूस्खलन के बाद सबाथू इलाके में कुछ घरों और वाहनों के क्षतिग्रस्त होने की भी खबर है। शिमला शहर भूस्खलन और पेड़ों के गिरने से सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। पेड़ गिरने से शहर के प्रमुख कार्ट रोड (सर्कुलर रोड) और शिमला-मेहली बाईपास भी कई स्थानों पर अवरुद्ध हो गया है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के आंकड़ों के अनुसार 200 से अधिक सड़कें अवरुद्ध होने के बाद राज्य में बंद सड़कों की कुल संख्या बढ़कर 530 हो गई है। इसमें राष्ट्रीय राजमार्ग-21 (मंडी-कुल्लू रोड) और राष्ट्रीय राजमार्ग 154 (मंडी-पठानकोट) शामिल हैं।
शिमला और चंडीगढ़ को जोड़ने वाला शिमला-कालका राष्ट्रीय राजमार्ग 5 चौकी मोड़ के पास फिर से अवरुद्ध हो गया था, अब इसे हल्के वाहनों के लिए खोल दिया गया है। शिमला शहर के कुछ घरों में भी दरारें आ गई हैं।
शिमला के उपायुक्त आदित्य नेगी ने कहा कि सुरक्षा उपाय के रूप में, शिमला शहर के पंथाघाटी और संजौली इलाकों में घरों को खाली करा लिया गया है और शहर के कुछ हिस्सों में भूस्खलन और पेड़ों के उखड़ने की सूचना मिली है।
शिमला में आईएसबीटी के पास खड़ी एक बस भूस्खलन के बाद मलबे में दब गई, जबकि नवबहार, हिमलैंड और अन्य स्थानों के पास भूस्खलन में कई अन्य वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। शिमला के कई निवासियों की रात की नींद देर रात तीन बजे आंधी चलने और बिजली गिरने के कारण उड़ गई। यात्रियों को भी कठिनाई हुई क्योंकि भूस्खलन और पेड़ों के गिरने के खतरे के कारण बसें संचालित नहीं की जा रहीं हैं। रात में राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश हुई। बिलासपुर में 181 मिलीमीटर बारिश हुई। इसके बाद बरथिन में 160 मिलीमीटर, शिमला में 132 मिलीमीटर, मंडी में 118 मिलीमीटर, सुंदरनगर में 105 मिलीमीटर, पालमपुर में 91 मिलीमीटर, सोलन में 77 मिलीमीटर बारिश हुई। कई जिलों में अब भी भारी बारिश जारी है।