तीर्थस्थल पर मेले के प्रबंधन के लिए आमतौर पर शिक्षकों और अन्य सरकारी कर्मचारियों को तैनात किया जाता है।
बिलासपुर (हिप्र) : हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में अगले महीने 'अश्विन नवरात्रि मेले' के दौरान नैना देवी मंदिर में शिक्षकों को ड्यूटी पर तैनात नहीं किया जाएगा। मंदिर प्रबंधन ने यह फैसला किया गया। मंदिर ट्रस्ट की अध्यक्ष तथा बिलासपुर की अतिरिक्त उपायुक्त निधि पटेल ने कहा कि मंदिरों में शिक्षकों की जगह अन्य कर्मचारियों को तैनात किया जाएगा। तीर्थस्थल पर मेले के प्रबंधन के लिए आमतौर पर शिक्षकों और अन्य सरकारी कर्मचारियों को तैनात किया जाता है।
मंदिर में शिक्षकों की तैनाती नहीं करने का निर्णय पिछले दो महीनों में मूसलाधार बारिश और बाढ़ के कारण जिले और राज्य में अन्य जगहों पर लंबे समय तक स्कूल बंद रहने की वजह से आया है।
पटेल ने कहा कि स्वारघाट के उपमंडलाधिकारी को मेला अधिकारी नियुक्त किया गया है जबकि थाना प्रभारी को सहायक पुलिस मेला अधिकारी नियुक्त किया गया है। उन्होंने कहा कि केवल वही लोग मेले में लंगर (सामुदायिक रसोई) परोस सकेंगे, जिन्हें विभाग द्वारा लाइसेंस दिया गया है।
अतिरिक्त उपायुक्त ने अधिकारियों को व्यवस्थाओं की जांच करने के सख्त निर्देश दिए हैं। मेले के दौरान प्रतिदिन करीब 10,000 से 12,000 भक्तों के नैना देवी मंदिर में आने की उम्मीद है। इसके लिए क्षेत्र को छह सेक्टरों में विभाजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नैना देवी नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी पूरे मेला क्षेत्र की साफ-सफाई सुनिश्चित करेंगे और नगर परिषद नवरात्रि के दौरान पर्याप्त सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति करेगी। अतिरिक्त उपायुक्त ने परिवहन विभाग के अधिकारियों को बसों की उचित व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए हैं।