तीन किसानों ने सेब की लगभग 68 पेटियां नदी में फेंक दीं।
शिमला : हिमाचल प्रदेश के बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने उस वीडियो की प्रामाणिकता की जांच करने का आदेश दिया है जिसमें शिमला के रोहड़ू क्षेत्र में एक सेब उत्पादक को अपनी उपज नदी में फेंकते हुए दिखाया गया है।
नेगी ने सोमवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि वीडियो करीब 20 दिन पुराना है। उन्होंने दावा किया है कि सड़क बंद होने के कारण सेब सड़ने की बात गलत और भ्रामक है, क्योंकि वैकल्पिक मार्ग खुला है।’’
उन्होंने संदेह जताया कि वीडियो प्रसारित करने के पीछे भाजपा नेताओं का हाथ है। उन्होंने कहा कि उपमंडल मजिस्ट्रेट को यह मामला देखने के लिए कहा गया है।
सोशल मीडिया पर आए एक कथित वीडियो में दिखाया गया है कि एक ट्रक रोहड़ू शहर में सड़क के किनारे खड़ा है और एक किसान नदी में सेब बहा रहा है। वराल गांव के उप प्रधान दौलत राम ने तहसीलदार को पत्र लिखकर दावा किया कि गांव को मुख्य सड़क से जोड़ने वाली ब्लासन-चानरी-पडसारी सड़क भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन के बाद नौ जुलाई से बंद है।
उन्होंने पत्र में कहा कि तीन किसानों ने सेब की लगभग 68 पेटियां नदी में फेंक दीं।
बागवानी मंत्री ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि किसान ने वीडियो नहीं बनाया। नेगी ने बताया कि सेब उत्पादकों ने भारी बारिश से खराब हुए सेब फेंके थे, लेकिन कुछ लोगों ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर प्रसारित कर दिया।
भाजपा के प्रवक्ता चेतन बरागटा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि राज्य की कई संपर्क सड़कें बंद हैं। उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में सेब का परिवहन बड़ा मुद्दा बनेगा।
बरागटा ने कहा कि सरकारी एजेंसियां पहले 15 जुलाई तक संग्रह केंद्र स्थापित कर देती थीं लेकिन इस बार अब तक ऐसा नहीं किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि संग्रह केंद्र नहीं बनने और सड़क अवरुद्ध होने के कारण सेब उत्पादक बेहद परेशान हैं।
अधिकारियों ने बताया कि शिमला जोन की लगभग 240 सहित 400 से अधिक सड़कें वाहन यातायात के लिए बंद हैं। शिमला जोन में शिमला, सोलन और सिरमौर जिले आते हैं।