झारखंड के मनोरम दृश्यों वाले नेतरहाट में ‘इकोटूरिज्म’ को बढ़ावा देने की योजना

खबरे |

खबरे |

झारखंड के मनोरम दृश्यों वाले नेतरहाट में ‘इकोटूरिज्म’ को बढ़ावा देने की योजना
Published : Dec 18, 2022, 5:50 pm IST
Updated : Dec 18, 2022, 5:50 pm IST
SHARE ARTICLE
Plan to promote 'ecotourism' in Netarhat with panoramic views of Jharkhand
Plan to promote 'ecotourism' in Netarhat with panoramic views of Jharkhand

राज्य की राजधानी रांची से 157 किलोमीटर दूर स्थित नेतरहाट अपनी हरी-भरी पहाड़ियों, झरनों और मनोरम दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है। झारखंड पर्यटन में ...

रांची : झारखंड सरकार लातेहार जिले में समुद्र तल से 3,622 फुट की ऊंचाई पर स्थित जंगलों की गोद में बसे नेतरहाट में पर्यावरण और सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने की योजना बना रही है। राज्य की राजधानी रांची से 157 किलोमीटर दूर स्थित नेतरहाट अपनी हरी-भरी पहाड़ियों, झरनों और मनोरम दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है। यहां का सूर्योदय और सूर्यास्त एक तैल चित्रकला की तरह मंत्रमुग्ध कर देने वाला होता हैं।

झारखंड पर्यटन में इस जगह को ‘छोटानागपुर की रानी’ कहा जाता है और ब्रिटिश इसे ‘प्रकृति का हृदय’ कहते थे।

लातेहार के उपायुक्त भोर सिंह यादव ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘यहां पर्यावरण और सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने की हमारी योजना है और इससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार भी सृजित होगा। ‘होमस्टे’ (घर पर ठहराने) संस्कृति को बढ़ावा देने सहित कई पहल की जा रही हैं, जहां पर्यटक आदिवासियों के साथ रहने का आनंद ले सकते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘पर्यटकों को अपने घर पर ठहराने वाले ग्रामीणों के घरों को स्थानीय व पारंपरिक रंगों- क्रीम और सफेद रंग- से विशिष्ट पहचान दी जा रही है। पहले चरण में पसेरीपत में होमस्टे कार्यक्रम में शामिल होने वाले 40 घरों का रंगरोगन किया जा रहा है। दूसरे चरण में 83 घरों को रंगा जाएगा। सिरसी के घरों को रंगा जाएगा।’’

पसेरीपत और सिरसी गांवों के सभी ग्रामीण होमस्टे कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सहमत हो गए हैं।

जिला प्रशासन द्वारा नेतरहाट के करीब 100 युवाओं को आतिथ्य सत्कार का प्रशिक्षण दिया जा चुका है और नेतरहाट के कई ग्रामीणों को होटल और लॉज में काम करने का अनुभव है।

हरे-भरे जंगलों का मनोरम वीडियो साझा करते हुए ‘झारखंड पर्यटन’ की वेबसाइट पर कहा गया है, ‘‘क्या आप इस सर्दी में नेतरहाट गए हैं... अपने चित्त को शांत करने के लिए इन पेड़ों के बीच से गुजरें।’’ नेतरहाट की सड़क चीड़, बांस, महुआ, पलाश और साल के घने जंगल के अंदर से गुजरती है।

लातेहार अन्य लोगों के अलावा असुर और बिरजिया जैसे विशेष रूप से संवेदनशील जनजाति समूहों (पीवीटीजी) का निवास स्थान है।

लातेहार जिला पर्यटन अधिकारी शिवेंद्र सिंह ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘नेतरहाट आने के बाद यहां रहने वाले आदिवासियों की संस्कृति और जीवन शैली को करीब से देखा जा सकता है। उनकी अपनी अलग भाषा, संस्कृति और जीवन शैली है। उनकी खेती में प्रकृति के प्रति उनका प्रेम झलकता है। उनके गीत-संगीत, नृत्य, भोजन का आनंद उठाया जा सकता है।’’

झारखंड प्रकृति के उपहारों, जैसे वनों और वन्य जीवन, झरनों, पहाड़ियों और एक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से समृद्ध है।

वर्ष 2000 में जब झारखंड राज्य अस्तित्व में आया था, तब वार्षिक पर्यटक आगमन 4.53 लाख था, जो अब बढ़कर 2019-20 में 3.50 करोड़ से अधिक हो गया है, जिसमें 1.75 लाख विदेशी सैलानी शामिल हैं।

Location: India, Jharkhand, Ranchi

SHARE ARTICLE

ROZANASPOKESMAN

Advertisement

 

Ludhiana ਚ ਪਰਵਾਸੀਆਂ ਵੱਲੋਂ ਕੀਤੀ ਗਈ ਗੁੰਡਾਗਰਦੀ,ਪਰਵਾਸੀਆਂ ਨੇ ਪੰਜਾਬੀ ਦੇ ਘਰ ਤੇ ਚਲਾਏ ਇੱਟਾਂ ਰੋੜੇ, Video Viral

23 Dec 2024 5:49 PM

ਮਿੰਟੋ ਮਿੰਟੀ ਸਸਪੈਂਡ ਕਰਨ ਦੇ ਦਿੱਤੇ ਹੁਕਮ, Haryana ਦੇ Minister Anil Vij ਨੇ ਲੋਕਾਂ ਸਾਹਮਣੇ ਝਾੜਿਆ ਪੁਲਿਸ ਵਾਲ਼ਾ

23 Dec 2024 5:48 PM

ਕੀ ਕਹਿ ਕੇ ਘਰੋ ਗਿਆ ਸੀ ਕਲਾਨੌਰ ਦਾ Gurvinder Singh?UP Pilibhit Encounter ਚ Gangster ਦਾ Family Statement

23 Dec 2024 5:46 PM

ਕਿਹੜਾ ਕਾਨੂੰਨ ਬਣਨ ਨਾਲ ਕਿਸਾਨਾਂ ਨੂੰ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ ਲਾਭ ? Kisan leader Rakesh ਟਿਕੈਟ ਹੋ ਗਏ Live

20 Dec 2024 5:53 PM

ਭਾਰਤ ਦੇ 60 ਕਰੋੜ Kisana ਲਈ ਨਵਾਂ ਫੁਰਮਾਨ, ਨੀਤੀ ਅਯੋਗ ਕਿਉਂ ਕੱਢਣਾ ਚਾਹੁੰਦੀ ਹੈ Kisana ਨੂੰ ਖੇਤੀ ਤੋਂ ਬਾਹਰ?

20 Dec 2024 5:46 PM

ਜੇ ਮੋਰਚਾ ਹਾਰ ਗਏ ਤਾਂ ਮੁੜ ਕੇ ਕਿਸੇ ਨੇ ਮੋਰਚਾ ਲਗਾਉਣ ਨਹੀ- Khanauri border ਤੋ ਗਰਜਿਆ Lakha Sidhana | Appeal

19 Dec 2024 5:31 PM