ईडी के सूत्रों ने कहा था कि इस धोखाधड़ी के तहत गरीब और दलितों की जमीन ‘‘हड़प’’ ली गई थी।
रांची: भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी छवि रंजन कथित अवैध जमीन सौदा मामले में पूछताछ के लिए सोमवार को रांची में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश हुए। ईडी इस कथित अवैध जमीन सौदा मामले में जांच कर रहा है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 2011 बैच के झारखंड काडर के अधिकारी रंजन सुबह करीब साढ़े 10 बजे ईडी कार्यालय पहुंचे।
इस संबंध में जब उनके परिसरों और झारखंड, बिहार तथा पश्चिम बंगाल में कुछ अन्य के परिसरों पर छापा मारा जा रहा था तब एजेंसी ने 13 अप्रैल को अधिकारी से थोड़ी बहुत पूछताछ भी की थी। छापेमारी के बाद एजेंसी ने झारखंड सरकार के एक अधिकारी सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया था।
ईडी के सूत्रों ने बताया था कि कोलकाता में पश्चिम बंगाल सरकार के एक सहायक पंजीयक को भी दो मई को बयान देने के लिए कहा गया है।
धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की गई और एजेंसी रक्षा जमीन से संबंधित एक भूखंड समेत 12 से अधिक जमीन सौदों के मामले में जांच कर रही है जिसमें जमीन माफिया, बिचौलिए और नौकरशाह सहित एक समूह ‘‘साठगांठ’’ कर कथित तौर पर 1932 की शुरुआत से ही जमीन के कामों और दस्तावेजों की धोखाधड़ी में शामिल है।
ईडी के सूत्रों ने कहा था कि इस धोखाधड़ी के तहत गरीब और दलितों की जमीन ‘‘हड़प’’ ली गई थी। पीएमएलए के तहत अपनी जांच शुरू करने के लिए संघीय जांच एजेंसी ने संबंधित नागरिक अधिकारियों द्वारा दर्ज कुछ जाली व्यक्तिगत पहचान दस्तावेजों के बारे में पुलिस प्राथमिकी का संज्ञान लिया।
सूत्रों के मुताबिक, एजेंसी ने तलाशी के दौरान कई फर्जी मुहरें, जमीन के कागजात और रजिस्ट्री दस्तावेज बरामद किए हैं। यह दूसरा मामला है जिसमें झारखंड काडर का कोई आईएएस अधिकारी ईडी की जांच के दायरे में आया है। पिछले साल ईडी ने धन शोधन के एक मामले में आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल के परिसरों पर छापा मारा था और उन्हें गिरफ्तार किया था।