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मान ने कहा कि होला-मोहल्ला सामान्य तौर पर पंजाबियों एवं खासकर सिख समुदाय की ‘‘मार्शल स्पिरिट’’ का प्रतीक है।
आनंदपुर साहिब (पंजाब) : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सोमवार को तख्त श्री केशगढ़ साहिब गुरद्वारे में मत्था टेका और होला-मोहल्ला उत्सव की शुरुआत में हिस्सा लिया। एक सरकारी बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री ने ईश्वर से आशीर्वाद मांगा तथा राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द्र एवं शांति के लिए प्रार्थना की।
मान ने कहा कि होला-मोहल्ला सामान्य तौर पर पंजाबियों एवं खासकर सिख समुदाय की ‘‘मार्शल स्पिरिट’’ का प्रतीक है।
यहां अधिकारियों के साथ संवाद के दौरान मान ने श्रद्धालुओं की खातिर यातातात मार्ग में बदलाव, गाड़ियों को खड़ा करने की व्यवस्था, सुरक्षा इंतजाम आदि प्रबंधों की जरूरत पर बल दिया। बयान के अनुसार मान ने कहा कि यहां आनंदपुर साहिब में मत्था टेकना उनके लिए बड़े भाग्य की बात है जिसकी स्थापना नौवें सिख गुरू तेग बहादुर ने सन् 1665 में की थी। उन्होंने कहा कि यह पावन स्थल ‘खालसा’ की जन्मस्थली भी है , दसवें सिख गुरू गोविंद सिंह ने सन् 1699 में बैशाखी के मौके पर ‘खालसा पंथ’ की नींव डाली थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर वर्ष श्रद्धालु एकता, सहिष्णुता , भाईचारा और स्नेह की भावना से होला-मोहल्ला मनाते हैं। होला-मोहल्ला एक सिख त्योहार है जो होली के अगले दिन मनाया जाता है।