वर्तमान अपीलकर्ताओं को नुकसान हो रहा है, जिन्होंने योग्यता परीक्षाओं में प्रासंगिक स्थान प्राप्त किया है।
High Court gives green signal to recruitment of 1091 assistant professors and 67 librarians News In Hindi: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकारी कॉलेजों में 1,091 सहायक प्रोफेसरों और 67 लाइब्रेरियन की भर्ती प्रक्रिया को हरी झंडी देते हुए नियुक्तियों का रास्ता साफ कर दिया है। खंडपीठ ने एकल बेंच के उस आदेश को खारिज कर दिया है जिसके तहत 2022 में चयन प्रक्रिया को रद्द कर दिया गया था। जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर और जस्टिस सुदीप्ति शर्मा ने कहा कि एकल बेंच का यह निष्कर्ष निकालना पूरी तरह से अनुचित था कि चयन प्रक्रिया में गड़बड़ी की गई थी।
यह केवल अनुमान, अटकलों व केवल निराधार संदेह पर आधारित था। कोई पेपर लीक नहीं हुआ था, न ही कोई ऐसी सामग्री थी जो यह संकेत दे कि परीक्षा में निर्धारित शैक्षणिक मानक किसी भी तरह से कमतर थे। खंडपीठ ने यह भी कहा कि चयन प्रक्रिया को चुनौती देने वाले उम्मीदवारों के पास अधिकार नहीं है क्योंकि वे लिखित परीक्षा में शामिल हुए थे, लेकिन उसे उत्तीर्ण नहीं कर पाए, भर्ती में भाग लेने के बाद प्रक्रिया पर वे सवाल नहीं उठा सकते। प्रतिवादी जो संविदा शिक्षक हैं और जो लिखित परीक्षाओं में भी अनुत्तीर्ण रहे, वर्तमान मुकदमे का लाभ उठा रहे हैं, जिससे वर्तमान अपीलकर्ताओं को नुकसान हो रहा है, जिन्होंने योग्यता परीक्षाओं में प्रासंगिक स्थान प्राप्त किया है।
अभ्यर्थियों ने भर्ती प्रक्रिया को यह कहते हुए चुनौती दी थी कि चयन प्रक्रिया मौलिक रूप से त्रुटिपूर्ण थी, उन्होंने सेवा नियमों और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) विनियमों के अनुसार पंजाब लोक सेवा आयोग (पीपीएससी) के माध्यम से रिक्त पदों को भरने के लिए निर्देश मांगे। हाईकोर्ट ने कहा कि जब कोई पेपर लीक नहीं हुआ था, न ही चयनित उम्मीदवारों द्वारा मौखिक परीक्षा न लेने में कोई अवैधता थी, भर्ती वैध है। अपील को स्वीकार करते हुए और हाईकोर्ट ने भर्ती को बरकरार रखने का आदेश दिया है।
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