Ayushman Card: प्राइवेट अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड से इलाज बंद!

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Ayushman Card: प्राइवेट अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड से इलाज बंद!
Published : Sep 19, 2024, 10:37 am IST
Updated : Sep 19, 2024, 10:37 am IST
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Treatment through Ayushman Card stopped in private hospitals In Punjab!
Treatment through Ayushman Card stopped in private hospitals In Punjab!

प्राइवेट हॉस्पिटल एंड नर्सिंग होम एसोसिएशन की स्टेट कमेटी ने लुधियाना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी घोषणा की.

Ayushman Card: केंद्र सरकार द्वारा संचालित आयुष्मान भारत योजना और पंजाब सरकार द्वारा संचालित आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत राज्य के निजी अस्पतालों ने इलाज करना बंद कर दिया है.

प्राइवेट हॉस्पिटल एंड नर्सिंग होम एसोसिएशन की स्टेट कमेटी ने लुधियाना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी घोषणा की. एसोसिएशन ने कहा कि जब तक सरकार उन्हें एक फीसदी ब्याज के साथ 650 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं करती, तब तक निजी अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड से इलाज बंद रहेगा.

प्रेसवार्ता के दौरान एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. विकास छाबड़ा ने कहा कि केंद्र सरकार ने आयुष्मान भारत योजना के तहत पंजाब में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों के 13 लाख कार्ड बनाए हैं. 2021 में पंजाब सरकार ने इसमें 29 लाख और कार्ड जोड़े। इस तरह यह संख्या 42 लाख तक पहुंच गई. इनमें ऐसे लोगों के भी कार्ड बनाए गए, जो पैसे देकर निजी अस्पतालों में इलाज करा सकते हैं। इसलिए, राज्य स्वास्थ्य एजेंसी ने निजी अस्पतालों के साथ मेमो ऑफ अंडरटेकिंग (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस योजना के तहत लुधियाना के 70 और पंजाब के 600 अस्पतालों को पैनल में शामिल किया गया था।

उन्होंने कहा कि 600 में से केवल 300 अस्पताल ही सक्रिय थे क्योंकि बाकी 300 अस्पताल केवल आंखों के लिए थे। सरकार ने मोतियाबिंद सर्जरी को इस योजना में शामिल नहीं किया है. इससे नेत्र रोगियों को इसका अधिक लाभ नहीं मिल सका। उन्होंने कहा कि सरकार ने स्त्री रोग, ऑर्थो और सर्जरी के 180 पैकेज बनाकर अस्पतालों को दिये. डॉ विकास छाबड़ा ने कहा कि निजी अस्पतालों में आने वाले बिल का 60 फीसदी केंद्र सरकार और 40 फीसदी राज्य सरकार को देना होता है.

लेकिन पिछले छह माह से सरकार ने निजी अस्पतालों पर धोखाधड़ी का आरोप लगाकर भुगतान रोक दिया. यह रकम अब करीब 650 करोड़ रुपये है. उन्होंने कहा कि साल 2021 में उनके संगठन ने स्वास्थ्य मंत्री से इस योजना की निगरानी के लिए एक एंटी-फ्रॉड स्क्वाड बनाने की अपील की थी, ताकि कई फर्जी लोगों की वजह से बाकी 95 फीसदी अस्पतालों को सजा न मिल सके. इस अवसर पर एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डाॅ. संदीप गर्ग, महासचिव डाॅ. विदेशु गुप्ता, कैशियर डाॅ. आशीष ओहरी के अलावा कई पदाधिकारी मौजूद रहे।

डॉ विकास छाबड़ा ने कहा कि पंजाब में आयुष्मान कार्ड धारकों को कई बीमारियों के लिए सरकारी अस्पतालों और कई बीमारियों के लिए निजी अस्पतालों में पैनल पर रखा गया है। जबकि हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान में सब कुछ खुला है. मरीज अपनी पसंद के अनुसार सरकारी या निजी अस्पताल में इलाज करा सकता है। यह नीति पंजाब में भी खुलनी चाहिए।

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Tags: punjab news

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