इस रेलवे स्टेशन की सबसे खास बात यह है कि इसे प्रभु श्रीराम मंदिर के आकार में बनाया गया है.
Ayodhya Dham Railway Station: राम नगरी अयोध्या वासियों के लिए आनेवाला साल काफी खास रहने वाला है. जनवरी 2024 में राम मंदीर का उद्घाटन होने वाला है. जिसका सभी को बेसब्री से इंतजार है. वहीं आज 30 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मादी ने अयोध्या वासियोंको एक और सौगात दिया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पुनर्विकसित अयोध्या जंक्शन स्टेशन का उद्घाटन किया। बता दें अयोध्या के रेलवे स्टेशन को नया रूप दिया गया है.
इसके साथ ही पीएम मोदी ने इस दौरान महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट और वंदे भारत और अमृत भारत समेत 8 ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई. बता दें कि आज पीएम मोदी अयोध्या के दौरे पर है.
मोदी ने आज अयोध्या जंक्शन स्टेशन का उद्घाटन किया। जो पहले से ही काफी चर्चा में है. लोग इस रेलवे स्टेशन के बारें में जानना चाहते है. तो आज हम आपको इस रेलवे स्टेशन की खासियत के बारें में बताने जा रहे हैं.
रेलवे स्टेशन की खासियत
इस रेलवे स्टेशन की सबसे खास बात यह है कि इसे प्रभु श्रीराम मंदिर के आकार में बनाया गया है. वहीं अब इसका नाम भी बदल दिया गया है. यह अब ‘अयोध्या धाम’ स्टेशन के नाम से जाना जाएगा। यह मंदिरों की नागर शैली के ‘शिखर’ की तर्ज पर गुंबद और भगवान राम के प्रतीक चिह्न धनुष-बाण से सुसज्जित है।
नये स्टेशन भवन में कई आधुनिक सुविधाएं हैं जो यात्रियों को आमतौर पर हवाई अड्डे पर मिलती है। इमारत के अगले हिस्से में स्तंभ बने हैं जिसपर बलुआ पत्थर की चिनाई की गई है और किनारे के छोर पर ऊंचे गोलकार खंभे हैं और इनपर भी बलुआ पत्थर की चिनाई की गई है। स्टेशन के शीर्ष पर एक संरचना है जिसका डिजाइन शाही ‘मुकुट’ जैसा है जबकि इसके ठीक नीचे एक दीवार पर एक धनुष को चित्रित किया गया है। यह दर्शाता है कि अयोध्या शहर का संबंध भगवान राम से है।
यह तीन मंजिला है। इसके दोनों कोनों में से प्रत्येक के शीर्ष पर एक ‘शिखर’ है जो नागर शैली के मंदिरों की तरह बना है। स्टेशन के अगले हिस्से में दो ‘छत्री’ बनी हैं।.अयोध्या स्टेशन की नयी इमारत के सामने लगाए गए बिजली के खंभों के ऊपर धनुष-बाण की आकृति बनी है। पूरा स्टेशन मंदिर जैसा दिखता है।
सूर्यास्त के बाद स्टेशन की पुरानी और नई दोनों इमारतें गुलाबी रंग की रोशनी से चमक उठती हैं। स्टेशन के केंद्रीय कक्ष में पत्थर की जड़ाई का काम है और इसकी छत पर ‘पॉलीकार्बोनेट शीट’ है जो इसकी ऊंची छत के कुछ हिस्सों को नीले रंग की आभा देती है।
यह गोलाकार खंभों सहित 144 मीटर लंबी और 44 मीटर चौड़ी है। यह 11.7 मीटर ऊंची है, और वर्षा जल संचयन सुविधा के साथ एक हरित इमारत भी है। इसे बनाने में 240 करोड़ से अधिक की लागत लगी है.