इजराइल और ईरान के बीच अंतरराष्ट्रीय तनाव बढ़ता जा रहा है।
Crude Oil Price Rise News In Hindi: इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव का असर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों पर पड़ा है। अक्टूबर में कीमतें करीब 12 फीसदी बढ़ी हैं, जिसका भारत जैसे देशों पर गंभीर आर्थिक असर पड़ सकता है। भारत, जो शुद्ध पेट्रोलियम आयातक है, को इस स्थिति के कारण आयात दबाव का सामना करना पड़ सकता है। यदि यह तनाव जारी रहा तो भारत की आर्थिक स्थिरता गंभीर खतरे में पड़ सकती है।
इजराइल और ईरान के बीच अंतरराष्ट्रीय तनाव बढ़ता जा रहा है। इसके चलते अक्टूबर में कच्चे तेल की कीमतों में करीब 12 फीसदी का इजाफा हुआ है। 30 सितंबर 2023 को ब्रेंट क्रूड की कीमत 71.81 डॉलर प्रति बैरल थी। लेकिन 7 अक्टूबर तक यह बढ़कर 80 डॉलर के पार पहुंच गया। इसका मतलब है कि तेल की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं।
भारत कच्चे तेल का सबसे बड़ा आयातक है। इससे भारत पर तेल आयात का दबाव बढ़ सकता है। वित्त वर्ष 2024-25 में अप्रैल से अगस्त तक भारत ने 6,37,976.02 करोड़ रुपये का पेट्रोलियम आयात किया। यह पिछले साल से 10.77 फीसदी ज्यादा है।
ईरान ने इजराइल की कार्रवाई का समर्थन किया है। इसके चलते कच्चे तेल की कीमतें बढ़ रही हैं। ईरान और अन्य पश्चिम एशियाई देश प्रमुख पेट्रोलियम निर्यातक हैं। इन देशों में लड़ाई बढ़ने का मतलब है कि तेल आपूर्ति पर नकारात्मक असर पड़ेगा।
भारत एक शुद्ध पेट्रोलियम आयातक है। इसका मतलब यह है कि भारत को कच्चे तेल और अन्य ऊर्जा उत्पादों के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहना होगा।
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