कारोबार के दौरान, ऊंचे में 58,490.98 और नीचे में 57,721.16 अंक तक गया।
मुंबई : घरेलू शेयर बाजारों में मंगलवार को लगातार चौथे दिन गिरावट जारी रही और बीएसई सेंसेक्स करीब 338 अंक टूटकर 58,000 के नीचे बंद हुआ। अमेरिका में दो बैंकों के विफल होने और ब्याज दरों में बढ़ोतरी से वाहन, आईटी और वित्तीय शेयरों में गिरावट देखने को मिली। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 337.66 अंक यानी 0.58 प्रतिशत की गिरावट के साथ पांच महीने के निचले स्तर 57,900.19 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान, ऊंचे में 58,490.98 और नीचे में 57,721.16 अंक तक गया।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 111 अंक यानी 0.65 प्रतिशत की गिरावट के साथ पांच महीने के निचले स्तर 17,043.30 अंक पर बंद हुआ। इन चार दिनों में सेंसेक्स 2,447 अंक यानी 4.1 प्रतिशत गिर गया। वहीं निफ्टी 711 अंक यानी 4.6 प्रतिशत नीचे आया।
विश्लेषकों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशकों की पूंजी निकासी जारी रहने, अमेरिकी केंद्रीय बैंक के नीतितगत दर को लेकर फैसले से पहले निवेशकों के जोखिम वाली संपत्तियों से दूर होने तथा डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर में गिरावट से बाजार धारणा प्रभावित हुई।
सेंसेक्स शेयरों में महिंद्रा एंड महिंद्रा को सर्वाधिक करीब तीन प्रतिशत का नुकसान हुआ। इसके अलावा टीसीएस, बजाज फाइनेंस, विप्रो, कोटक बैंक, टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक और टाटा मोटर्स भी प्रमुख रूप से नुकसान में रहे। दूसरी तरफ, टाइटन, भारती एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक और एल एंड टी लाभ में रहने वाले शेयरों में शामिल हैं। इनमें 0.93 प्रतिशत की तेजी रही।
क्षेत्रवार की बात करें तो आईटी में 1.4 प्रतिशत, प्रौद्योगिकी में 1.08 प्रतिशत, ऊर्जा में 1.06 प्रतिशत, रियल्टी में एक प्रतिशत, वाहन में 0.99 प्रतिशत, वित्तीय में 0.54 प्रतिशत और बैंक में 0.42 प्रतिशत की गिरावट आई है।
सिर्फ पूंजीगत वस्तु सूचकांक 0.12 प्रतिशत की मामूली बढ़त के साथ बंद हुआ।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ''बिकवाली जारी रही, जबकि अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के उठाये गये कदमों से बैंकों को लेकर चीजें कुछ साफ हुई हैं। बाजार का महत्वपूर्ण मुद्दा अधिक ब्याज दर का है, जो विश्व अर्थव्यवस्था पर असर डालती रहेगी...।’’
रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के उपाध्यक्ष (तकनीकी शोध) अजीत मिश्रा ने कहा, ‘‘बाजार पर वैश्विक गतिविधियों का असर है। हमें बुधवार को शुरूआती कारोबार में अमेरिका में मुद्रास्फीति के आंकड़ों का असर देखने को मिलेगा। बाजार में हाल की गिरावट के बाद कुछ राहत की उम्मीद है...।’’
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी नियामकों ने 12 मार्च को सिग्नेचर बैंक को बंद करने का निर्णय किया। इससे ठीक दो दिन पहले सिलिकॉन वैली बैंक को बंद करने का फैसला किया गया था। इसका असर बाजार पर देखने को मिल रहा है। एशिया के अन्य बाजारों में चीन का शंघाई कंपोजिट सूचकांक, जापान का निक्की, हांगकांग का हैंगसेंग और दक्षिण कोरिया का कॉस्पी काफी नुकसान में रहे।.
हालांकि यूरोप के प्रमुख बाजारों में दोपहर कारोबार में मिला-जुला रुख रहा। वालस्ट्रीट में प्रमुख सूचकांक सोमवार को नुकसान में रहे। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.56 प्रतिशत की गिरावट के साथ 79.51 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशकों ने सोमवार को 1,546.86 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे। इस बीच, आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार विनिर्मित वस्तुओं, ईंधन और बिजली की कीमतों में नरमी से थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति फरवरी में घटकर दो साल से अधिक के निचले स्तर 3.85 प्रतिशत पर आ गयी।