इस कदम का मकसद गैर-परिवर्तनीय ऋण प्रतिभूतियों के मूल्य निर्धारण में पारदर्शिता लाना है।
New Delhi: बाजार नियामक सेबी ने बकाया गैर-परिवर्तनीय ऋण प्रतिभूतियों (एनसीडी) वाली सूचीबद्ध कंपनियों को आगे ऐसी प्रतिभूतियां जारी करने के लिए उन्हें शेयर बाजारों में सूचीबद्ध करना जरूरी कर दिया है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने बृहस्पतिवार को अपनी वेबसाइट पर डाली गई एक अधिसूचना में कहा कि यह बदलाव एक जनवरी, 2024 से लागू होगा।
इस कदम का मकसद गैर-परिवर्तनीय ऋण प्रतिभूतियों के मूल्य निर्धारण में पारदर्शिता लाना है। इससे निवेशकों एवं बाजार को ऋण प्रतिभूतियों के बारे में बेहतर जानकारी मिल पाएगी। इसके अलावा गैर-सूचीबद्ध बॉन्ड की गलत बिक्री की आशंका भी दूर होगी। सेबी ने अपनी अधिसूचना में कहा कि इस प्रावधान से कुछ खास तरह की प्रतिभूतियों को छूट दी गई है। इनमें आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 54ईसी के तहत जारी पूंजीगत लाभ कर ऋण प्रतिभूतियां, परिपक्व होने तक रखी जाने वाली एनसीडी और किसी नियामक, न्यायाधिकरण या अदालत के आदेश पर जारी की गईं एनसीडी शामिल हैं।
सेबी ने अधिसूचना में कहा है कि सूचीबद्ध कंपनियों की तरफ से जारी की जाने वाली प्रतिभूतियों को परिपक्वता अवधि तक बनाए रखा जाएगा और उसके बाद ही उन्हें भुनाया जा सकेगा।
यह कदम जून में सेबी के निदेशक मंडल की बैठक में प्रस्ताव स्वीकृत होने के बाद उठाया गया है। उसी के बाद सेबी ने ऋण प्रतिभूतियों की सूचीबद्धता के संबंध में प्रावधान जारी किए हैं।