इन गोलियों को लगातार और लंबे समय तक लेने से कई शारीरिक समस्याएं भी होने लगती हैं
New Delhi: आजकल ज्यादातर महिलाएं अनचाहे गर्भ से बचने के लिए गर्भनिरोधक गोलियों का सहारा लेती हैं। गर्भ निरोधक गोलियां गर्भावस्था को रोकने का एक आम और सुविधाजनक तरीका बन गई हैं। लेकिन गोलियां हार्मोनल तरीके से काम करती हैं और अंडोत्सर्ग को रोकती हैं. इसलिए इन गोलियों को लगातार और लंबे समय तक लेने से कई शारीरिक समस्याएं भी होने लगती हैं
कुछ गर्भ निरोधक गोलियां जो कि कॉम्बिनेशन पिल्स होती हैं। इनमें दो या दो से अधिक हार्मोन्स और दवाएं मिलाई जाती हैं। ऐसी गोलियों का इस्तेमाल खतरनाक साबित हो सकता है. डॉक्टर की सलाह के बिना गोलियों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
गर्भ निरोधक गोलियों के उपयोग के खतरे
गर्भ निरोधक गोलियों से खून में थक्के बनने का खतरा बढ़ जाता है। इन गोलियों में एस्ट्रोजेन होता है, जो रक्त में थक्के जमने वाले कारकों को बढ़ाता है। गोलियों के लंबे समय तक उपयोग से रक्त के थक्के बन सकते हैं। धूम्रपान करने वाली महिलाओं में जोखिम और भी अधिक है।
कुछ अध्ययनों से पता चला है कि जन्म नियंत्रण गोलियाँ हृदय रोग के खतरे को बढ़ा सकती हैं।
गर्भ निरोधक गोलियां रक्तचाप बढ़ा सकती हैं।
मोटापा - कुछ महिलाओं का वजन गोलियों के कारण बढ़ जाता है।
पीरियड्स में दिक्कत - गोलियों की वजह से पीरियड्स कभी जल्दी तो कभी देर से आ सकते हैं। कुछ महिलाओं को भारी रक्तस्राव का अनुभव होता है।
मूड स्विंग - कुछ महिलाओं में मूड संबंधी बदलाव देखे जाते हैं
कैंसर - गर्भाशय, स्तन और लीवर के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।