यह हल्का व पोर्टेबल सिस्टम है।
Health Tips: भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के डिब्रूगढ़ स्थित क्षेत्रीय केंद्र ने क्षयरोग (टीबी) की जांच की ऐसी किफायती तकनीक विकसित की है जिसमें महज 35 रुपये में रोगी के बलगम से रोग का पता लगाया जा सकता है। यही नहीं, इस तकनीक के तहत एक ढाई घंटे में 1500 से ज्यादा करीब की जांच की जा सकती है। चंद घंटों में ही रिपोर्ट आ जाएगानी जबकि अभी आमतौर पर टीबी की पुष्टि होने में 42 दिन पर टीबी की पुष्टि हो जांच तकनीक भी महंगी है।
आइसीएमआर के सूत्रों ने कहा कि यह प्राट्यूबरक्लोसिस्ल (टीबी) निदान प्रणाली बेहद सरल है और इसमें तीन चारणों में परीक्षण होता है। इस तकनीक का नाम 'क्रिसपर है। केस बेस्ड टीबी डिटेक्शन सिस्टम' है।
यह हल्का व पोर्टेबल सिस्टम है। वर्तमान में माइक्रोस्कोपी और न्यूक्लियक एसिड आधारित विधियों के जरिये टीबी की जांच होती है। इनमें समय भी अधिक लगता है और उत्तम श्रेणी के उपकरणों की भी जरूरत पड़ती है। दूसरे शब्दों कहें तो पारंपारिक निदान तकनीक में के जरिये टीबी की पुष्टि करने के लिए अभी करीब डेढ़ माह लग जाता है। एक अधिकारी ने बताया कि टीबी की बीमारी एक वैश्विक स्वास्थ्य चुनौती बनी हुई है। इसके प्रभावी रोग प्रबंधन के लिए सटीक और त्वरित निदान उपकरणों के विकास की जरूरत है। वर्तमान निदान पद्धतियां (डायग्नोस्टिक मैथड) संवेदनशील, अधिक समय लगाने वाली और महंगी हैं।
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