Teacher Day Special: जानिए क्यों मनाया जाता है शिक्षक दिवस?

खबरे |

खबरे |

Teacher Day Special: जानिए क्यों मनाया जाता है शिक्षक दिवस?
Published : Sep 4, 2024, 6:28 pm IST
Updated : Sep 4, 2024, 6:28 pm IST
SHARE ARTICLE
Know why Teacher's Day is celebrated? News in hindi
Know why Teacher's Day is celebrated? News in hindi

शिक्षक और उनके द्वारा दिए गए ज्ञान के कारण ही सभ्य समाज अस्तित्व में आया और समाज में उत्कृष्टता और शालीनता बनी रही।

Teacher Day Special News In Hindi: शिक्षक सिर्फ एक पेशे का नाम नहीं बल्कि शिक्षक स्वयं एक परोपकारी संस्था है। प्राचीन काल से ही शिक्षक को भगवान से भी ऊँचा दर्जा दिया गया है। शिक्षक मानव जीवन के विकास, प्रगति और उत्थान के लिए एक महत्वपूर्ण और अपरिहार्य धुरी रहा है।

शिक्षक और उनके द्वारा दिए गए ज्ञान के कारण ही सभ्य समाज अस्तित्व में आया और समाज में उत्कृष्टता और शालीनता बनी रही। शिक्षक अपने ज्ञान, अनुभव, संस्कार और उच्च विचार से जीवन को समृद्ध, आसान, उत्कृष्ट, विनम्र और सभ्य बनाता है। 

सर्वपल्ली राधाकृष्णन, जो स्वयं एक उत्कृष्ट शिक्षक थे, ने हमारे देश में शिक्षकों की इस महानता को सही स्थान दिलाने का प्रयास किया। उनके महत्वपूर्ण योगदान के कारण ही भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. राधाकृष्णन के जन्मदिन 5 सितंबर को भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। उनके जन्मदिन पर सम्मान प्रकट किया जाता है।

5 सितंबर, 1888 को, डॉ. राधाकृष्णन का जन्म चेन्नई से लगभग 200 किमी उत्तर-पश्चिम में एक छोटे से शहर तिरुतनी में हुआ था। उनके पिता का नाम सर्वपल्ली बी वाई रामास्वामी और माता का नाम श्रीमती सीता झा था। रामरास्वामी एक गरीब ब्राह्मण थे और तिरुतनी शहर के जमींदारों के लिए एक साधारण मजदूर के रूप में काम करते थे।

डॉ. राधा कृष्णन अपने पिता की दूसरी संतान थे। उनके चार भाई और एक छोटी बहन थी। छह बहनों, भाइयों और दो माता-पिता सहित आठ सदस्यीय इस परिवार की आय बहुत सीमित थी। इस सीमित आय में भी डॉ. राधाकृष्णन ने साबित कर दिया कि हुनर ​​की किसी को जरूरत नहीं होती। उन्होंने न केवल एक महान शिक्षाविद् के रूप में ख्याति प्राप्त की बल्कि देश में राष्ट्रपति के सर्वोच्च पद पर भी आसीन हुए।

स्वतंत्र भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन को बचपन से ही कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। अपने विद्यार्थी जीवन में ही उन्होंने बाइबिल के महत्वपूर्ण अंश कंठस्थ कर लिये थे, जिसके लिये उन्हें विशेष योग्यता के सम्मान से भी सम्मानित किया गया था। उन्होंने वीर सरकार और विवेकानन्द के आदर्शों का भी गहन अध्ययन किया था। 1902 में उन्होंने मैट्रिक की पढ़ाई अच्छे अंकों से उत्तीर्ण की जिसके लिए उन्हें वजीफा भी दिया गया।

वह कला स्नातक परीक्षा में प्रथम स्थान पर रहे। इसके बाद उन्होंने दर्शनशास्त्र में स्नातकोत्तर किया और जल्द ही मद्रास रेजीडेंसी कॉलेज में दर्शनशास्त्र के सहायक प्रोफेसर के रूप में नियुक्त हो गए। डॉ. राधाकृष्णन ने अपने लेखों और व्याख्यानों के माध्यम से दुनिया को भारतीय दर्शन से परिचित कराया। उस समय मद्रास के ब्राह्मण परिवार कम उम्र में ही शादी कर देते थे और राधाकृष्णन भी इसे टाल नहीं पाते थे।

1903 में 16 साल की उम्र में उनका विवाह हो गया। उस समय उनकी पत्नी मात्र 10 वर्ष की थी। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारतीय संस्कृति के विद्वान, महान शिक्षाविद्, दार्शनिक, महान वक्ता के साथ-साथ एक विद्वान हिंदू विचारक भी थे। डॉ. राधाकृष्णन ने अपने जीवन के 40 वर्ष एक शिक्षक के रूप में बिताए। वे एक आदर्श शिक्षक थे। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के पुत्र डॉ. एस. गोपन ने भी 1989 में उनकी जीवनी प्रकाशित की। 

राधाकृष्णन की योग्यता को देखते हुए उन्हें स्विंधन निर्माण सभा का सदस्य बनाया गया। इसके बाद उन्हें उपराष्ट्रपति पद पर नियुक्त किया गया। संसद के सभी सदस्यों ने उनके कार्य और आचरण की बहुत सराहना की। 1962 में राजेंद्र प्रसाद का कार्यकाल समाप्त होने के बाद राधाकृष्णन ने राष्ट्रपति का पद संभाला। भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजिंदर प्रसाद ने महान दार्शनिक और लेखक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को शिक्षा और राजनीति में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए देश के सर्वोच्च पुरस्कार, भारत रत्न से सम्मानित किया।

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को धार्मिक क्षेत्र के कल्याण के लिए मार्च 1975 में अमेरिकी सरकार द्वारा मरणोपरांत एपलटन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वह यह पुरस्कार पाने वाले गैर-ईसाई समुदाय के पहले व्यक्ति थे। जीवन यात्रा में उच्च पदों पर रहते हुए शिक्षा जगत में उनका योगदान सदैव अनवरत रहा है। 17 अप्रैल, 1975 को लंबी बीमारी के बाद डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का निधन हो गया। लेकिन आज भी उन्हें शिक्षा जगत में उनके कार्यों और योगदान के लिए याद किया जाता है।

(For more news apart from Know why Teacher's Day is celebrated? News in hindi, stay tuned to Rozana Spokesman hindi)

SHARE ARTICLE
Advertisement

 

'Bapu Surat Singh Khalsa ਵਰਗਾ ਬੰਦਾ ਪੰਜਾਬ ਨੂੰ ਮਿਲਣਾ ਔਖਾ' | Punjab Latest News Today

15 Jan 2025 5:33 PM

'ਨਾ ਅਸੀਂ ਆਪਣੀ ਮਾਂ, ਨਾ ਪਿਓ ਤੇ ਨਾ ਹੀ ਗੁਰੂ ਸਾਂਭਿਆ...' Lakha Sidhana ਦੇ ਤਿੱਖੇ ਬੋਲ

15 Jan 2025 5:32 PM

ਭੱਜ ਕੇ Marriage ਕਰਵਾਉਣ ਵਾਲੇ ਜੋੜਿਆਂ ਨੂੰ HighCourt ਦਾ ਜਵਾਬ,ਪਹਿਲਾ Police ਕੋਲ ਜਾਓ ਸਿੱਧਾ ਨਹੀਂ ਆ ਸਕਦੇ !

09 Jan 2025 6:01 PM

ਵੱਡੀ ਖ਼ਬਰ: Oyo ਨੇ Unmarried Couples ਦੀ Hotel's 'ਚ Entry ਕੀਤੀ Ban, ਬਦਲ ਦਿੱਤੇ ਨਿਯਮ ਆਪਣੀ ਛਵੀ ਸੁਧਾਰਨਾ

09 Jan 2025 5:59 PM

Raja Warring ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਕੌਣ ਬਣ ਰਿਹਾ Congress ਦਾ ਪ੍ਰਧਾਨ? Watch Rana Gurjit Interview Live

09 Jan 2025 5:58 PM

Shambhu Border Farmer Suicide News: 'ਸਵੇਰੇ 6 ਵਜੇ ਮੈਨੂੰ ਕਹਿੰਦਾ ਸੀ ਲੰਗਰ ਦੀ ਸੇਵਾ ਤੇ ਚਲਾਂਗੇ ਫਿਰ'

09 Jan 2025 5:57 PM