रिपोर्ट के मुताबिक, देश में कुल 24,24,540 जलाशयों में से लगभग 40 हजार अतिक्रमण के शिकार हैं।
Water Sources Second Census News: केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने प्राकृतिक और मानव निर्मित सभी तरह के जल स्रोतों की दूसरी गणना की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पिछले साल पहली गणना की रिपोर्ट सार्वजनिक की गई है, जिसके आधार पर यह पता चला था कि देश में नदियों, नहरों के साथ ही कितने तालाब, पोखर, झील आदि हैं। मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, इस बार सभी जल स्रोतों की गणना की रिपोर्ट दो साल के भीतर आने की उम्मीद है। पिछली बार इसमें चार साल से अधिक का समय लगा था।
'इस बार की गणना में जल स्रोतों के रूप में झरनों को भी शामिल किया जाएगा। इस सिलसिले में राज्यों के साथ पहला मसौदा साझा किया गया है, जिसमें जल स्रोतों की गणना के तौर-तरीकों का विस्तृत लेखा-जोखा है। मंत्रालय के एक , शीर्ष अधिकारी के अनुसार, इस बार की गणना में जल संपदा की पूरी ही तस्वीर से वाकिफ हो सकेंगे। पिछली गणना का एक बड़ा निष्कर्ष अवैध कब्जे और अतिक्रमण के शिकार जल स्रोतों की संख्या सामने आना था।
रिपोर्ट के मुताबिक, देश में कुल 24,24,540 जलाशयों में से लगभग 40 हजार अतिक्रमण के शिकार हैं। शहरों में लगभग ढाई प्रतिशत जले स्रोतों अतिक्रमण से ग्रस्त हैं। तब केंद्र सरकार ने राज्यों से आग्रह किया था कि वे जलाशयों पर अवैध कब्जे हटाने की पहल करें। अधिक चिंताजनक बात यह है कि जो जल स्रोतों अतिक्रमण के शिकार हैं, उनमें दो तिहाई से ज्यादा ऐसे हैं, जहां पूरी तरह अवैध कब्जा कर लिया गया है। मंत्रालय के अनुसार, जल स्रोतों की गणना का उद्देश्य एक राष्ट्रीय डाटा बेस बनाना है, जिसमें जल स्रोतों के
आकार, स्थिति, अतिक्रमण की स्थिति, इस्तेमाल, 'स्टोरेज की क्षमता, पानी की स्थिति जैसे सभी पहलुओं को शामिल किया जा सके।
(For More News Apart from Water Sources Second Census News: Waterfalls will also be counted in the second census of water sources , Stay Tuned To Rozana Spokesman)