विभिन्न सरकारी विभागों में रिक्तियों को भरने के लिए 16 मार्च से पांच अप्रैल तक लिखित परीक्षा कराने का कार्यक्रम है।
जम्मू : जम्मू-कश्मीर सेवा चयन बोर्ड (जेकेएसएसबी) द्वारा कंप्यूटर आधारित लिखित परीक्षा (सीबीटी) लेने के लिए पूर्व में काली सूची में डाली गई कंपनी की सेवा लेने के खिलाफ लगातार दूसरे दिन प्रदर्शन कर रहे कई अभ्यार्थियों को पुलिस ने बृहस्पतिवार को हिरासत में ले लिया। जेकेएसएसबी द्वारा पारदर्शी तरीके से परीक्षा कराने का भरोसा दिए जाने के बावजूद बड़ी संख्या में उम्मीदवार सड़कों पर उतरे। विभिन्न सरकारी विभागों में रिक्तियों को भरने के लिए 16 मार्च से पांच अप्रैल तक लिखित परीक्षा कराने का कार्यक्रम है।
सरकारी नौकरी के इच्छुक युवाओं का एक समूह पनामा चौक पर जमा हुआ और वर्ष 2019 में काली सूची में डाली गई ‘ऐपटेक लिमिटेड’ की सेवा लेने के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शन कर रहे अभ्थार्थियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया और जबरन पहले से खड़ी दो बसों में बैठाकर नजदीकी पुलिस थाने ले गई। पुलिस द्वारा बस में बैठाए जा रहे एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘‘हमें अपने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए शांतिपूर्ण प्रदर्शन की भी अनुमति नहीं दी जा रही है।’’
प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई पर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह कार्रवाई दिखाती है कि जम्मू-कश्मीर में भ्रष्टाचार कितनी गहरी जड़े जमा चुका है।
महबूबा ने ट्वीट किया, ‘‘जेकेएसएसबी द्वारा फर्जीवाड़ा करने वाली और काली सूची में डाली गई कंपनी की सेवा को बहाल रखना संकेत करता है कि भ्रष्टाचार की कितनी गहरी पैठ है। इसके लिए जिम्मेदार सरकारी बाबू जम्मू-कश्मीर के युवाओं के भविष्य को बर्बाद करने के बाद भी अपने पद पर कायम हैं।’’ जेकेएसएसबी ने तर्क दिया है कि केंद्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन के दिशानिर्देशों के आधार पर कंपनी की सेवाएं ली गई हैं क्योंकि काली सूची में रहने की तीन साल की अवधि वह पिछले साल मई में ही पूरी कर चुकी है।