उत्तराखंड : चमोली में जुम्मागाड़ नदी में बाढ़ के कारण बहा पुल, एक दर्जन से अधिक गांवों का टूटा संपर्क

खबरे |

खबरे |

उत्तराखंड : चमोली में जुम्मागाड़ नदी में बाढ़ के कारण बहा पुल, एक दर्जन से अधिक गांवों का टूटा संपर्क
Published : Jul 11, 2023, 1:20 pm IST
Updated : Jul 11, 2023, 1:20 pm IST
SHARE ARTICLE
Image for representational purpose only
Image for representational purpose only

बाढ़ का पानी इतना ज्यादा था कि वह देर तक नदी से कई मीटर ऊपर स्थित जोशीमठ-मलारी सड़क पर से बहता रहा ।

गोपेश्वर (उत्तराखंड): उत्तराखंड के चमोली जिले के सीमावर्ती इलाके में बरसाती नदी जुम्मागाड़ में अचानक आई बाढ़ में उस पर बना पुल बह गया जिससे भारत—तिब्बत सीमा को जोड़ने वाली सड़क बंद हो गयी तथा एक दर्जन से अधिक सीमांत गांवों का संपर्क टूट गया ।

जोशीमठ से करीब 45 किलोमीटर दूर जोशीमठ—नीति राजमार्ग पर स्थित जुम्मा गांव के पास बहने वाली जुम्मागाड़ नदी में सोमवार देर शाम आई बाढ़ का कहर देर रात तक जारी रहा जिसमें उस पर बना पुल भी बह गया ।

इससे भारत—तिब्बत सीमा को जोड़ने वाली जोशीमठ-मलारी सीमा सड़क बंद हो गई तथा एक दर्जन से अधिक सीमांत गांवों का आवागमन संपर्क ठप हो गया । इसके साथ ही सड़क मार्ग से सीमांत चौकियों तक होने वाली आपूर्ति भी ठप हो गई ।

बाढ़ का पानी इतना ज्यादा था कि वह देर तक नदी से कई मीटर ऊपर स्थित जोशीमठ-मलारी सड़क पर से बहता रहा । चमोली जिला प्रशासन ने मंगलवार को बताया कि अचानक बाढ़ में पुल के बहने के कारण जुम्मा गांव से आगे कागा, गरपक, द्रोणागिरी, जेलम, कोसा, मलारी, महरगांव, कैलाशपुर, प्रकिया, बम्पा, गमशाली और नीती गांव का मोटर संपर्क टूट गया ।

जुम्मागाड़ नदी में अचानक बाढ़ आने के कारणों के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिल पाई लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि लगातार बारिश के कारण बरसाती नदी के ऊपरी इलाके में कहीं भूस्खलन के चलते पहले उसका पानी रूका होगा और बाद में उस पानी के एक साथ निकलने के कारण बाढ़ आ गयी होगी ।

अन्य जानकार नदी के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र में ग्लेशियरों के पिघलने को भी इसका संभावित कारण मान रहे हैं । प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि बाढ़ के साथ मिट्टी और भारी पत्थर भी बहकर आ रहे थे और उनमें से एक पत्थर पुल पर अटक गया जो पुल के साथ ही बाढ़ के पानी में बह गया । 

जुम्मा में इसी नदी पर कई साल पहले राज्य सरकार की एक जल विद्युत परियोजना बनी थी लेकिन उसके क्षतिग्रस्त होने के कारण कई दशकों के बाद भी यह परियोजना बिजली तैयार नहीं कर पाई ।

अब यहां एक अन्य बड़ी जल विद्युत परियोजना का निर्माण शुरू करने को लेकर हाल में प्रदेश के मुख्य सचिव सुखबीर सिंह संधु प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारियों से मिले थे । टीएचडीसी द्वारा तैयार की जाने वाली इस परियोजना पर 2013 की आपदा के बाद से रोक लगी हुई है ।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि यदि परियोजना तैयार हो चुकी होती तो 2021 के रैणी हादसे की तरह इसके बैराज और उसमें जमा पानी के कारण बाढ़ की विभीषिका और बढ़ सकती थी ।

Location: India, Uttarakhand, Dehradun

SHARE ARTICLE

ROZANASPOKESMAN

Advertisement

 

ਭਾਰਤ ਦੇ 60 ਕਰੋੜ Kisana ਲਈ ਨਵਾਂ ਫੁਰਮਾਨ, ਨੀਤੀ ਅਯੋਗ ਕਿਉਂ ਕੱਢਣਾ ਚਾਹੁੰਦੀ ਹੈ Kisana ਨੂੰ ਖੇਤੀ ਤੋਂ ਬਾਹਰ?

20 Dec 2024 5:46 PM

ਜੇ ਮੋਰਚਾ ਹਾਰ ਗਏ ਤਾਂ ਮੁੜ ਕੇ ਕਿਸੇ ਨੇ ਮੋਰਚਾ ਲਗਾਉਣ ਨਹੀ- Khanauri border ਤੋ ਗਰਜਿਆ Lakha Sidhana | Appeal

19 Dec 2024 5:31 PM

जगजीत सिंह दल्लेवाल की हालत बेहद गंभीर, मंच बंद

19 Dec 2024 5:30 PM

जगजीत सिंह डल्लेवाल के पक्ष में खनौरी बॉर्डर पहुंचे मूसेवाला के पिता

19 Dec 2024 5:28 PM

ਧਾਮੀ 'ਤੇ ਕੀ ਹੋਵੇਗਾ ਸਖ਼ਤ ਐਕਸ਼ਨ, ਬੀਬੀ ਦੀ ਕਾਰਵਾਈ ਦੀ ਮੰਗ ਤੋਂ ਬਾਅਦ Raj Lali Gill ਦਾ Exclusive Interview

18 Dec 2024 5:42 PM

18 ਸਾਲ ਪੁਰਾਣੇ ਘਰੇਲੂ ਝਗੜੇ ਬਾਰੇ Jathedar ਦੇ ਵੱਡੇ ਖ਼ੁਲਾਸੇ - Bathinda Jathedar Harpreet Singh|Viral Video

18 Dec 2024 5:39 PM