आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2015-2020 में 10,992 आवेदन मिले थे जबकि...
जयपुर : राजस्थान में शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले लोगों की संख्या पिछले कुछ वर्षों में बढ़ी है। गृह विभाग के आंकड़ों के अनुसार, आवेदनों की संख्या 2015-2020 की अवधि की तुलना में 2021-22 में बढ़ी है। गृह विभाग द्वारा राजस्थान विधानसभा में उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2015-2020 में 10,992 आवेदन मिले थे जबकि 2021-22 में ही शस्त्र लाइसेंस के 4,500 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए।
हालांकि, जारी किए गए लाइसेंस की संख्या कम है क्योंकि 2021-22 में केवल 454 लाइसेंस जारी किए गए। अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद कुमार ने कहा, " हो सकता है कि अधिक लोग हथियार रखने के लिए लाइसेंस लेना चाहते हों, लेकिन जहां तक लाइसेंसिंग प्राधिकरण का संबंध है, आवेदकों द्वारा दिए गए कारणों को ध्यान में रखते हुए केवल कुछ ही लाइसेंस जारी किए जाते हैं।" यह पूछे जाने पर कि क्या आवेदनों की बढ़ती संख्या की एक वजह राज्य में ' खराब सुरक्षा व्यवस्था' है, तो उन्होंने कहा कि लोगों के पास हथियार रखने के अलग-अलग कारण होते हैं।
जयपुर पुलिस आयुक्त आनंद श्रीवास्तव ने कहा कि जयपुर सर्कल में शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदनों की संख्या में कोई बड़ी वृद्धि नहीं हुई है और यह पिछले कुछ वर्षों से लगभग स्थिर है। उन्होंने कहा, "ज्यादातर आवेदन या तो उन लोगों के आते हैं जिन्हें अपने पूर्वजों के हथियार विरासत में मिले हैं या जो पेशेवर निशानेबाजी में हैं। उनमें से कुछ आवेदक सैन्य पृष्ठभूमि वाले होते हैं जो हथियार रखना पसंद करते हैं।"
हालांकि, जयपुर में बंदूक की दुकान के मालिक ने नाम न छापने के अनुरोध पर दावा किया कि हथियार लाइसेंस के लिए आवेदनों की बढ़ती संख्या का कारण सुरक्षा चिंता भी हो सकती है जो राज्य में हाल के दिनों में बढ़ी है।
उन्होंने कहा कि गैंगस्टर की बढ़ती उपस्थिति और उनके द्वारा व्यवसायियों और व्यापारियों से रंगदारी मांगे जाने के बाद, लोग किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए हथियार रखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हाल में कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गों द्वारा जबरन वसूली की मांग सामने आई है, जिसके बाद पुलिस को उनके और सोशल मीडिया पर उनका अनुसरण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ी है।
नौकरशाह और राजनेताओं की संतान को भी मिला है शस्त्र लाइसेंस
उन्होंने यह भी दावा किया कि केवल प्रभावशाली लोगों, यानी नौकरशाह या राजनीतिक नेताओं को ही राज्य में हथियारों के लिए लाइसेंस मिलते हैं। वर्ष 2021-22 में जारी किए गए 454 शस्त्र लाइसेंस में से कुल 33 आवेदक ऐसे हैं जो या तो नौकरशाह हैं या राजनीतिक नेताओं की संतान हैं।बता दें कि राजस्थान के धौलपुर में 2018 से 2022 तक 18 शस्त्र लाइसेंस जारी किए गए, जिनमें से ज्यादातर राजनीतिक नेता या उनके परिवार के सदस्य थे। इनमें भाजपा से निष्कासित विधायक शोभरानी कुशवाह और कांग्रेस विधायक गिरिराज सिंह मलिंगा शामिल हैं।
राज्य में हैं 1.70 लाख शस्त्र लाइसेंस
गृह विभाग की 2020 की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य में करीब 1.70 लाख शस्त्र लाइसेंसधारी हैं। उदयपुर में सबसे अधिक लगभग 27,700 शस्त्र लाइसेंसधारी हैं, जिसके बाद बांसवाड़ा में 10,400, चित्तौड़गढ़ में 9,900, श्रीगंगानगर में 9,400 और नागौर में 9,300 शस्त्र लाइसेंसधारी हैं।