महागठबंधन मे शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), राकांपा और कांग्रेस शामिल हैं।
मुंबई : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने मंगलवार को कहा कि वह जब तक जीवित हैं, अपनी पार्टी के लिए काम करते रहेंगे। इसके साथ ही पवार ने उन अटकलों को खारिज कर दिया कि वह और उनके करीबी विधायक सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन कर सकते हैं।
विपक्ष के नेता पवार ने यहां संवाददाताओं से कहा कि राकांपा में किसी तरह के मतभेद और उनके भाजपा से हाथ मिलाने की खबरों में कोई सच्चाई नहीं है। भाजपा के साथ उनके गठबंधन करने की अफवाह के बीच पवार ने उन खबरों को भी खारिज कर दिया कि उन्होंने राकांपा के 53 में से 40 विधायकों के हस्ताक्षर लिए हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की अपुष्ट खबरें पार्टी कार्यकर्ताओं को आहत करती हैं और उनमें भ्रम होता है।.
पवार ने कहा, “हम सभी (पार्टी विधायक) राकांपा के साथ हैं। मैं जब तक जीवित रहूंगा, राकांपा के लिए काम करता रहूंगा।’’
उन्होंने कहा कि राकांपा ने महा विकास आघाडी को मजबूत करने का फैसला किया है और गठबंधन ने कई रैलियां आयोजित करने की योजना बनाई है जिनमें विभिन्न मुद्दों पर केंद्र और महाराष्ट्र सरकार को निशाना बनाया जाएगा।
महागठबंधन मे शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), राकांपा और कांग्रेस शामिल हैं।
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि (राकांपा) विधायकों के हस्ताक्षर नहीं लिए गए हैं। उन्होंने कहा, "हम एक परिवार के रूप में काम कर रहे हैं और ऐसा करते रहेंगे।" अजित पवार के अगले राजनीतिक कदम को लेकर अफवाहें पिछले हफ्ते तब शुरू हुई थीं जब उन्होंने अचानक अपनी पूर्व-निर्धारित बैठकें रद्द कर दीं और ऐसी टिप्पणियां कीं जिन्हें भाजपा और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खेमे के प्रति उनके रुख में नरमी माना गया।
शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने रविवार को अफवाहों को यह कहकर और हवा दे दी कि राकांपा प्रमुख शरद पवार ने हाल ही में उद्धव ठाकरे से कहा था कि उनकी पार्टी कभी भी भाजपा से हाथ नहीं मिलाएगी, भले ही कोई व्यक्तिगत स्तर पर ऐसा निर्णय क्यों न ले।.
अजित पवार ने राउत का नाम लिए बिना मंगलवार को उनकी आलोचना की और कहा कि अन्य दलों के प्रवक्ता ऐसे व्यवहार कर रहे हैं जैसे वे राकांपा के प्रवक्ता हों। उन्होंने कहा कि जब भी पार्टी की बैठक होगी, वह इस मुद्दे को उठाएंगे।
उन्होंने कहा, "किसी को नहीं मालूम है कि यह अधिकार उन्हें किसने दिया है। आप जिस पार्टी के प्रवक्ता हैं, आप उसके बारे में बोलें। आप अपनी पार्टी के मुखपत्र के बारे में बोलें। हम अपना रुख स्पष्ट करने में सक्षम हैं।" अजित पवार ने कहा, ‘‘...हमारी पार्टी के प्रवक्ता, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर नेता पार्टी के रुख को स्पष्ट करने में सक्षम हैं।"
वर्ष 2019 के विधानसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन था और शिवसेना (अविभाजित) ने सहयोगी भाजपा से नाता तोड़ लिया था। उसके बाद अजित पवार ने देवेंद्र फडणवीस से हाथ मिला लिया और सरकार बनाई जिसमें फडणवीस मुख्यमंत्री थे वहीं अजित पवार उपमुख्यमंत्री बने। हालांकि वह सरकार मात्र 80 घंटे ही रह सकी।