भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी वानखेड़े ने अदालत के समक्ष अपनी याचिका में यह दावा किया।
मुंबई : स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े ने शुक्रवार को बंबई उच्च न्यायालय में आरोप लगाया कि 2021 में एक क्रूज जहाज पर मादक पदार्थ जब्त किये जाने के मामले से संबंधित “मसौदा शिकायत” में अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन को आरोपी बनाया गया था, लेकिन बाद में इसे बदल दिया गया और उसका (आर्यन का) नाम हटा दिया गया।
भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी वानखेड़े ने अदालत के समक्ष अपनी याचिका में यह दावा किया। इस याचिका में वानखेड़े ने अपने खिलाफ सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी रद्द करने का अनुरोध किया है। प्राथमिकी में वानखेड़े पर आर्यन को मादक पदार्थ मामले में नहीं फंसाने के एवज में खान से कथित तौर पर 25 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप लगाया गया है।
वानखेड़े ने अदालत में शपथपत्र दिया कि वह शनिवार को सीबीआई के समक्ष पेश होंगे, जिसके बाद न्यायमूर्ति शर्मिला यू देशमुख और आरिफ एस डॉक्टर की अवकाशकालीन पीठ ने सीबीआई को 22 मई तक वानखेड़े के खिलाफ कोई भी कठोर कार्रवाई (जैसे उन्हें गिरफ्तार करना आदि) नहीं करने का निर्देश दिया।
वानखेड़े 2021 में एनसीबी में पदस्थ थे। अदालत में एक याचिका दायर कर, उन्होंने जबरन वसूली और रिश्वत के आरोपों को लेकर उनके खिलाफ दर्ज सीबीआई की प्राथमिकी रद्द करने का अनुरोध किया था।
सीबीआई ने कथित तौर पर साजिश रचने और रिश्वत से जुड़े अपराधों के अलावा जबरन वसूली के आरोप से जुड़ी एनसीबी की शिकायत पर वानखेड़े और चार अन्य के खिलाफ हाल में प्राथमिकी दर्ज की थी।
आर्यन को तीन अक्टूबर 2021 को कॉर्डेलिया क्रूज जहाज पर छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया गया था।
हालांकि, आर्यन पर लगे आरोपों को सही साबित करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य पेश करने में मादक पदार्थ रोधी एजेंसी के नाकाम रहने पर बंबई उच्च न्यायालय ने तीन हफ्ते बाद जमानत दे दी थी।
जांच एजेंसी ने आरोप लगाया था कि एनसीबी, मुंबई क्षेत्र को अक्टूबर 2021 में क्रूज जहाज पर कुछ लोगों के पास मादक पदार्थ होने और उसका सेवन किए जाने की सूचना मिली थी, जिसके बाद उसके (एनसीबी के) कुछ अधिकारियों ने आरोपी को छोड़ने के एवज में रिश्वत की साजिश रची। मुंबई में सीबीआई अधिकारियों ने वानखेड़े को बृहस्पतिवार को मामले में पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन वह जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए थे।