महाराष्ट्र के इरशालवाड़ी में भूस्खलन स्थल पर तलाश और बचाव कार्य दूसरे दिन फिर शुरू, अब तक 16 लोगों की मौत

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महाराष्ट्र के इरशालवाड़ी में भूस्खलन स्थल पर तलाश और बचाव कार्य दूसरे दिन फिर शुरू, अब तक 16 लोगों की मौत
Published : Jul 21, 2023, 10:39 am IST
Updated : Jul 21, 2023, 10:39 am IST
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भूस्खलन के कारण गांव के लगभग 50 घरों में से 17 तबाह हो गए हैं।

मुंबई:  महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के इरशालवाड़ी गांव में शुक्रवार को तलाश और बचाव कार्य दोबारा शुरू कर दिया गया। एक दिन पहले यहां भारी भूस्खलन के कारण कई घर मलबे में दब गए थे जिससे अब तक 16 लोगों की जान जा चुकी है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

अधिकारी ने बताया कि मुंबई से करीब 80 किलोमीटर दूर तटीय जिले के खालापुर तहसील में पहाड़ी ढलान पर स्थित एक गांव में बुधवार रात करीब 11 बजे भूस्खलन हुआ। इस गांव के कुल 228 निवासियों में से करीब 16 के शव बरामद कर लिए गए हैं, जबकि 93 के बारे में पता लगाया जा चुका है। 

अधिकारी ने बताया कि 119 ग्रामीणों का अब तक पता नहीं चल पाया है। उन्होंने बताया कि इनमें वे लोग भी शामिल हैं जो किसी शादी समारोह शामिल होने या धान रोपाई के काम से बाहर गए थे।

अधिकारियों ने बताया कि भूस्खलन के कारण गांव के लगभग 50 घरों में से 17 तबाह हो गए हैं।

अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने रायगढ़ पुलिस और प्रशासन की टीम के साथ दूसरे दिन बचाव कार्य शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा, एनडीआरएफ की कम से कम चार टीम आज सुबह घटना स्थल पर पहुंच गई और बचाव कार्य शुरू किया। ठाणे आपदा मोचन बल (टीडीआरएफ), स्थानीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, रायगढ़ पुलिस की टीम भी बचाव कार्य में जुटी हुई है। 

बचाव और खोज टीमों ने बृहस्पतिवार को 16 शव बरामद कर लिए और 21 लोगों को बचा लिया।

उन्होंने कहा, 'मृतकों में एक से चार साल की उम्र के चार बच्चे और 70 साल का एक व्यक्ति शामिल हैं। उन्होंने बताया कि सात लोगों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है।

पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण खोज और बचावकर्मियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसा इसीलिए क्योंकि दुर्गम इलाका होने के कारण वहां भारी उपकरण को ले जाना आसान नहीं है। 

अधिकारी ने बताया कि पहाड़ की चोटी पर भारी बारिश, कोहरा और तेज हवा के कारण भी खोज और बचाव कार्य में परेशानी हो रही है।

अधिकारियों ने बताया कि गांव तक पक्की सड़क नहीं होने से मिट्टी खोदने वाली मशीनों यहां तक ले जाना आसान नहीं है। इसीलिए श्रमिकों के मध्यम से ही खुदाई का काम किया जा रहा है। ज्ञात हो कि खराब मौसम के कारण बृहस्पतिवार को एनडीआरएफ को घटना स्थल पर खोज और बचाव अभियान रोकना पड़ा था।

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