सर्जरी कराके महिला बना ट्रांसजेंडर व्यक्ति घरेलू हिंसा कानून के तहत कर सकता है राहत की मांग : बंबई HC

खबरे |

खबरे |

सर्जरी कराके महिला बना ट्रांसजेंडर व्यक्ति घरेलू हिंसा कानून के तहत कर सकता है राहत की मांग : बंबई HC
Published : Mar 31, 2023, 3:23 pm IST
Updated : Mar 31, 2023, 3:23 pm IST
SHARE ARTICLE
Transgender person who undergoes surgery to become female can seek relief under Domestic Violence Act: Bombay HC
Transgender person who undergoes surgery to become female can seek relief under Domestic Violence Act: Bombay HC

पीठ ने कहा कि इस तरह के कानून की जरूरत पड़ी थी क्योंकि मौजूदा कानून महिला पर पति या परिवार की क्रूरता से निपटने के लिए पर्याप्त नहीं थे।

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने व्यवस्था दी है कि लिंग परिवर्तन सर्जरी कराके महिला बनने वाला कोई ट्रांसजेंडर व्यक्ति भी घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत राहत की मांग कर सकता है। उच्च न्यायालय ने एक निचली अदालत के आदेश को कायम रखते हुए यह व्यवस्था थी। निचली अदालत ने एक व्यक्ति को उससे अलग हुई पत्नी को गुजारा-भत्ता देने का निर्देश दिया था। उसकी पत्नी पहले ट्रांसजेंडर थी।

न्यायमूर्ति अमित बोरकर की एकल पीठ ने 16 मार्च के आदेश में कहा कि ‘महिला’ शब्द महिलाओं और पुरुषों के जोड़े तक सीमित नहीं है और इसमें वे ट्रांसजेंडर लोग भी शामिल हैं जिन्होंने अपनी पहचान बदलने के लिए लिंग परिवर्तन कराया है। आदेश की प्रति शुक्रवार को उपलब्ध हुई।

न्यायमूर्ति बोरकर ने घरेलू हिंसा कानून की धारा 2 (एफ) का उल्लेख किया। आदेश के अनुसार इस बात में कोई संदेह नहीं है कि किसी ट्रांसजेंडर व्यक्ति को या लिंग परिवर्तन की सर्जरी कराने वाले किसी पुरुष या महिला को अपनी पसंद की लैंगिक पहचान रखने का अधिकार है। इसमें कहा गया, ‘‘घरेलू हिंसा अधिनियम के प्रावधानों का उद्देश्य ऐसी महिलाओं के अधिकारों को और प्रभावी तरीके से सुरक्षा प्रदान करना है जो परिवार के अंदर किसी तरह की हिंसा की पीड़ित हैं।’’

पीठ ने कहा कि इस तरह के कानून की जरूरत पड़ी थी क्योंकि मौजूदा कानून महिला पर पति या परिवार की क्रूरता से निपटने के लिए पर्याप्त नहीं थे।

अदालत ने कहा, ‘‘मेरी राय में, महिला के रूप में पहचान के लिए लिंग परिवर्तन सर्जरी कराने वाले किसी ट्रांसजेंडर व्यक्ति को घरेलू हिंसा कानून के दायरे में पीड़ित मानना होगा।’’

पति से अलग हुई महिला के अनुसार वह 2016 में सर्जरी कराके ट्रांसजेंडर से महिला बनी थी। उसी साल दोनों ने शादी कर ली लेकिन दो साल बाद मतभेद पैदा हो गये जिसके बाद महिला ने मजिस्ट्रेट के समक्ष आवेदन कर घरेलू हिंसा कानून के तहत गुजारे-भत्ते की मांग की।  पति ने उच्च न्यायालय में अपनी याचिका में दावा किया था कि उसकी पत्नी पीड़ित पक्ष की परिभाषा में नहीं आती क्योंकि यह अधिकार केवल महिलाओं को दिया गया 

SHARE ARTICLE

ROZANASPOKESMAN

Advertisement

 

Congress ਦੇਵੇਗੀ Farmers ਨੂੰ Delhi ਜਾਣ ਨੂੰ ਰਾਹ, Punjab ਦੇ MP Dr. Amar Singh ਕਰ ਗਏ ਐਲਾਨ!

28 Sep 2024 5:58 PM

ਪ੍ਰਧਾਨਗੀ ਲਈ PU ਚੋਣਾਂ 'ਚ ਪਾਰਟੀਆਂ ਦੇ ਫਸੇ ਸਿੰਙ, ਸ਼ੁਰੂ ਹੋ ਗਿਆ ਜ਼ੋਰਦਾਰ ਪ੍ਰਚਾਰ ਤੇ ਠੋਕ ਕੇ ਬੋਲਦੇ ਮੁੰਡੇ!

31 Aug 2024 4:52 PM

ਕੀ ਹੈ HPV ਵਾਇਰਸ ਅਤੇ ਕਿਹੜੇ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਇਸ ਦਾ ਜ਼ਿਆਦਾ ਖ਼ਤਰਾ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ?

31 Aug 2024 4:48 PM

'ਦਸਤਾਰ ਤੋਂ ਬਿਨਾਂ ਮੈਂ ਅਧੂਰਾ ਹਾਂ', ਦੇਖੋ Yograj ਨੇ ਜ਼ਿੰਦਗੀ 'ਚ ਕਿਹੜਾ ਕੀਤਾ ਸੀ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਡਾ ਗੁਨਾਹ

31 Aug 2024 4:46 PM

'ਦਸਤਾਰ ਤੋਂ ਬਿਨਾਂ ਮੈਂ ਅਧੂਰਾ ਹਾਂ', ਦੇਖੋ Yograj ਨੇ ਜ਼ਿੰਦਗੀ 'ਚ ਕਿਹੜਾ ਕੀਤਾ ਸੀ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਡਾ ਗੁਨਾਹ

31 Aug 2024 4:44 PM

ਦੇਖੋ Dhanveer ਅੱਜ ਵੀ ਜਦੋ Lucky ਅਤੇ Navdeep ਨੂੰ ਦੇਖਦੇ ਨੇ ਤਾਂ ਕਿਹੜੀ ਪੁਰਾਣੀ Memory ਅਉਂਦੀ ਹੈ ਯਾਦ

31 Aug 2024 4:41 PM