अगर आप भी पराली जलाते हैं और आपको ये करना पसंद नहीं और आप इसका कोई विकल्प ढूंढ रहें है तो यह खबर आपके लिए है
New Delhi: पराली जलाने की घटनाये दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही है और दिल्ली सहित आसपास के शहरों का दम घुट रहा है। देश में प्रदूषण की समस्या बढ़ती ही जा रही है। सुप्रीम कोर्ट और सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी लोग पराली जला रहें है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने हाल में ही एक रिपोर्ट जारी कर बताया था कि पराली जलाने की घटनाएं करीब 13 फीसदी बढ़ गई हैं और दिल्ली-एनसीआर में हवा जहरीली हो गई है। हलाकि अगर आप अपनी पराली को जलाने के बजाय उसका प्रबंधन और मोनेटाइजेशन करते है तो आप सरकार की मदद से सालाना 20 लाख रुपये तक कमाई कर सकते हैं।
कैसे और कहां से करें इसकी सप्लाई
यह बात तो हम सभी से छिपी नहीं है कि देश में बिजली की कमी है और ये कोयले से तैयार होता है। जिसका उत्पादन करना कठिन होता है। ऐसे में सरकार ने बिजली संयंत्रों से पराली का इस्तेमाल जैव कोयले के रूप में करने का सुझाव दिया है। इतना ही नहीं सरकार ने तो कोयला संयंत्रों में 5 से फीसदी बायो वेस्ट इस्तेमाल करना जरूरी भी बना दिया है।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने पिछले दिनों कहा था कि सरकार टॉरफेक्शन और पेलेटाइजेशन संयंत्र स्थापित करने में मदद कर रही है। इसके जरिये न सिर्फ पराली की समस्या को दूर किया जा सकता है, बल्कि किसानों की आमदनी भी बढ़ाई जा सकती है। इस प्लांट में फसल के अवेशेषों को जैव कोयले में बदला जाता है और इसे लगाने में सरकार मदद भी करेगी। इस प्लांट को लगाकर किसान हर साल लाखों रुपये कमाई कर सकते हैं। क्योंकि अभी सरकार ने प्लांट लगाने वालों को सब्सिडी देने के लिए 50 करोड़ रुपये का फंड बनाया है।