हालांकि, भारत ने डेयरी सेक्टर में किसी भी प्रकार की छूट नहीं दी है, जो न्यूजीलैंड की प्रमुख मांग थी।
India-New Zealand FTA Trade: भारत और न्यूजीलैंड ने सोमवार को मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर बातचीत पूरी होने की घोषणा की। इस समझौते के तहत कपड़ा, जूते, इंजीनियरिंग उत्पाद और अन्य कई घरेलू सामान न्यूजीलैंड में ड्यूटी-फ्री पहुंच प्राप्त करेंगे। हालांकि, भारत ने डेयरी सेक्टर में किसी भी प्रकार की छूट नहीं दी है, जो न्यूजीलैंड की प्रमुख मांग थी। उम्मीद है कि इस समझौते पर अगले तीन महीनों के भीतर हस्ताक्षर किए जाएंगे और अगले साल यह लागू हो सकेगा।
"एफटीए के तहत न्यूजीलैंड ने अगले 15 साल में भारत में 20 अरब डॉलर के निवेश को आसान बनाने की प्रतिबद्धता जताई है। वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि "सभी शुल्क श्रेणियों पर शुल्क समाप्त करने से भारत के पूरे निर्यात को ड्यूटी-फ्री मार्केट में पहुंच मिलेगी।"
मंत्रालय ने कहा कि इस ड्यूटी-फ्री बाजार पहुंच से टेक्सटाइल, परिधान, चमड़ा, जूते, समुद्री उत्पाद, रत्न और आभूषण, हस्तशिल्प, इंजीनियरिंग उत्पाद और मोटर वाहन जैसे भारत के श्रम-प्रधान क्षेत्रों की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता बढ़ेगी। इसके साथ ही मंत्रालय ने बताया कि भारत ने आईटी और उससे संबंधित सेवाएं, प्रोफेशनल सर्विस, शिक्षा, वित्तीय सेवाएं, पर्यटन, विनिर्माण और अन्य व्यावसायिक सेवाओं सहित उच्च-मूल्य वाले क्षेत्रों में भी व्यापक प्रतिबद्धताएं हासिल की हैं। इससे भारतीय सेवा प्रदाताओं और उच्च-कुशल रोजगार के लिए पर्याप्त नए अवसर खुलेंगे। एफटीए भारतीय पेशेवरों, छात्रों और युवाओं के लिए प्रवेश और निवास के बेहतर प्रावधान भी प्रदान करता है।
अस्थायी रोजगार प्रवेश वीजा से प्रोफेशनल्स के लिए रोजगार के नए अवसर
भारत और न्यूजीलैंड के बीच हुए एफटीए में पढ़ाई के दौरान काम करने के मौके, पढ़ाई के बाद रोजगार के रास्ते, वीजा सिस्टम और ‘वर्किंग हॉलिडे’ वीजा संरचना शामिल है। इस समझौते ने स्किल्ड प्रोफेशनल्स के लिए अस्थायी रोजगार प्रवेश वीजा के माध्यम से कुशल रोजगार के नए रास्ते खोले हैं।
मंत्रालय ने कहा, “इसमें आयुष डॉक्टर, योग प्रशिक्षक, भारतीय रसोइये और म्यूजिक टीचर जैसे पेशेवरों के साथ-साथ आईटी, इंजीनियरिंग, हेल्थ सर्विस, शिक्षा और प्रोडक्शन जैसे उच्च मांग वाले सेक्टर भी शामिल हैं, जिससे कार्यबल की गतिशीलता बढ़ेगी और सेवा व्यापार को मजबूती मिलेगी।”
भारतीय किसानों को मिलेगा पूरा समर्थन
इस समझौते में कीवी फल, सेब और शहद के लिए विशेष एग्रीकल्चरल टेक्नोलॉजी एक्शन प्लान की स्थापना शामिल है, जिसका उद्देश्य उत्पादकता बढ़ाना, तकनीक और अनुसंधान सहयोग को सशक्त करना, गुणवत्ता में सुधार लाना और वैल्यू चेन का विकास करना है। साथ ही घरेलू कृषि क्षमताओं को मजबूत करके भारतीय किसानों का समर्थन किया जाएगा।
इस सहयोग के तहत एक्सीलेंस सेंटर स्थापित किए जाएंगे, बेहतर रोपण सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी, और उत्पादकों के लिए क्षमता निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा, बाग प्रबंधन, फसल कटाई के बाद की प्रक्रियाएं, आपूर्ति श्रृंखला सुधार और खाद्य सुरक्षा के लिए प्रौद्योगिकी सहायता भी प्रदान की जाएगी।
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