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कौशिक ने 1983 में आई फिल्म ‘जाने भी दो यारो’ के संवाद लिखे और पंकज त्रिपाठी अभिनीत ‘कागज़’ (2021) की कहानी भी लिखी।
मुंबई : अपने चार दशक लंबे करियर में थिएटर, सिनेमा, टीवी और ओटीटी मंच पर अभिनय, निर्देशन, लेखक और बतौर निर्माता अपनी छाप मशहूर अभिनेता एवं फिल्मकार सतीश कौशिक का बृहस्पतिवार को तड़के दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। फिल्म ‘जाने भी दो यारो’ और ‘मिस्टर इंडिया’ में यादगार भूमिकाएं निभाने वाले कौशिक के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सहित फिल्म जगत की अनेक हस्तियों ने शोक जताया है।
अभिनेता को गुरुग्राम के अस्पताल ले जाया जा रहा था, जब रास्ते में दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया।
सतीश कौशिक ने अपने चार दशक लंबे करियर में थिएटर, सिनेमा, टीवी और ओटीटी मंच पर अभिनय, निर्देशन, लेखक और बतौर निर्माता अपनी छाप छोड़ी। उनके करीबी दोस्त एवं अभिनेता अनुपम खेर ने बताया कि कौशिक दिल्ली में अपने एक दोस्त के घर पर थे, जब उन्होंने बेचैनी होने की शिकायत की।
सतीश कौशिक के प्रबंधक संतोष राय ने बृहस्पतिवार को बताया कि अभिनेता का अंतिम संस्कार आज शाम ही मुंबई में किया जाएगा। भावुक राय ने कौशिक के साथ उनके आखिरी पलों को याद करते हुए कहा, ‘‘ उनकी तबीयत ठीक नहीं थी। उन्होंने मुझे फोन किया और मैं उन्हें अस्पताल ले गया।’’.
सतीश कौशिक ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर किए गए आखिरी पोस्ट में प्रसिद्ध गीतकार एवं लेखक जावेद अख्तर द्वारा सात मार्च को मुंबई में आयोजित वार्षिक होली समारोह की तस्वीरें साझा की थीं।
सूत्रों ने बताया कि वह दिल्ली में अपने एक दोस्त के फार्महाउस पर होली मनाने के लिए पहुंचे थे।
‘रूप की रानी चोरों का राजा’ से निर्देशन की दुनिया में कदम रखने वाले कौशिक ने ‘हम आपके दिल में रहते हैं’ ‘हमारा दिल आपके पास है’, ‘बधाई हो बधाई’, ‘तेरे नाम’ और ‘मुझे कुछ कहना है’ जैसी कई फिल्मों का निर्देशन किया। उनके परिवार में पत्नी और बेटी है।
सतीश कौशिक नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) और फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआईआई) के छात्र थे। उनके असामयिक निधन से फिल्म जगत और उनके प्रशंसकों में शोक व्याप्त है।
हरियाणा में जन्मे और दिल्ली के करोल बाग में पले-बढ़े कौशिक ने हमेशा अभिनेता बनने का सपना देखा था। उन्हें ‘जाने भी दो यारों’, ‘राम-लखन’, ‘बड़े मियां छोटे मियां’, ‘मिस्टर इंडिया’, ‘दीवाना मस्ताना’, ‘हसीना मान जाएगी’, ‘भारत’, ‘छलांग’, ‘उड़ता पंजाब’ जैसी फिल्मों में निभाए उनके किरदारों के लिए जमकर सराहना मिली। फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’ में कौशिक ने ‘कैलेंडर’ नामक एक रसोइये का किरदार निभाया था जो आज भी लोकप्रिय है।.
कौशिक ने 1983 में आई फिल्म ‘जाने भी दो यारो’ के संवाद लिखे और पंकज त्रिपाठी अभिनीत ‘कागज़’ (2021) की कहानी भी लिखी।
कौशिक और अभिनेता गोविंदा की जोड़ी भी काफी मशहूर थी। दोनों 90 के दशक में ‘स्वर्ग’, ‘साजन चले ससुराल’, ‘दीवाना मस्ताना’, ‘परदेसी बाबू’, ‘बड़े मियां छोटे मियां’, ‘आंटी नंबर-1’ और ‘हसीना मान जाएगी’ जैसी कई फिल्मों में साथ नजर आए।.
गोविंदा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ जब मैं आज पीछे मुड़कर उन सभी फिल्मों को देखता हूं जिनमें हमने एक साथ काम किया है तो मुझे बहुत दुख होता है कि हमने उन्हें खो दिया। हर अभिनेता अभिनय करता है, लेकिन वह ऐसे व्यक्ति थे जो चीजों को समझते थे और फिर अभिनय करते थे।’’