रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो हाल का नहीं है और ये पंजाब का भी नहीं है।
Claim
सोशल मीडिया पर एक ईसाई धार्मिक रैली का वीडियो वायरल हो रहा है और दावा किया जा रहा है कि पंजाब में ईसाई धर्मांतरण चरम पर है। इस वायरल वीडियो में एक शख्स क्रॉस लेकर जाता दिख रहा है और इसी बीच कुछ लोग उसे कोड़े मार रहे हैं। इस रैली में शामिल भीड़ के हाथों में तख्तियां नजर आ रही हैं जिनमें ईसा मसीह से जुड़े विचार लिखे हुए हैं।
योगी देवनाथ नाम के ट्विटर अकाउंट ने इस वीडियो को शेयर किया और दावा किया कि पंजाब में ईसाई धर्मांतरण आंदोलन चरम पर है। यूजर ने पंजाब में पूर्व शासित कांग्रेस कार्यकाल पर निशाना भी साधा।
रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो हाल का नहीं है और ये पंजाब का भी नहीं है। ये वीडियो पिछले साल मार्च 2024 का है और जम्मू का है। यह वीडियो गुड फ्राइडे के एक जुलूस का है।
Investigation
पड़ताल शुरू करते हुए हमने सबसे पहले इस वीडियो में दिख रहे दुकानों के नाम और चिन्हों को ध्यान से देखा। हमने पाया कि सड़क किनारे एक दुकान पर अंग्रेजी में लिखा था "गुलाम रसूल एंड सनस"।
हमने गूगल पर नाम खोजा और पाया कि यह दुकान जम्मू-कश्मीर में स्थित है।
इस जानकारी को ध्यान में रखते हुए हमने इस जुलूस के बारे में खबरें तलाशनी शुरू कीं। हमने पाया कि यह वीडियो मार्च 2024 का है और जम्मू कश्मीर का है।
हमें रैली को लेकर आउटलुक की 29 मार्च 2024 की प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में वायरल वीडियो से जुड़े दृश्य भी थे। रिपोर्ट में इसे जम्मू-कश्मीर में गुड फ्राइडे और ईस्टर के मौके पर ईसाइयों द्वारा निकाला जाने वाला जुलूस बताया गया।
पड़ताल के दौरान हमें यूट्यूब पोर्टल पर 27 मार्च 2024 को अपलोड किया गया इस रैली का वीडियो मिला। इस वीडियो में वायरल वीडियो के दृश्य देखे जा सकते हैं। मौजूद जानकारी के मुताबिक, इसे जम्मू में गुड फ्राइडे के मौके पर निकाला गया जुलूस बताया गया है।
Conclusion
रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो हाल का नहीं है और ये पंजाब का भी नहीं है। ये वीडियो पिछले साल मार्च 2024 का है और जम्मू का है। यह वीडियो गुड फ्राइडे के एक जुलूस का है।
Our Sources
News Article Published By Outlook On 29th March 2024
Youtube Video Published By News JK On 27th March 2024