रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में वायरल पोस्ट भ्रामक पाया है। वायरल यह तस्वीरें हरियाणा में हो रही हिंसा की नहीं है।
RSFC (Team Mohali)- हरियाणा के नूंह में भड़की हिंसा ने पुरे देश को एक दोहरा सदमा दे दिया है। जहां मणिपुर में हिंसाए थमने का नाम नहीं ले रही हैं, वहीँ हरियाणा से ऐसी खबर का आना कानून व्यवस्था पर एक ऐसा सवाल खड़ा करता है जिसका जवाब देश के कानून न्यायालयों में कहीं किसी केस के नीचे दबा मिलेगा।
हरियाणा में भड़की हिंसा को लेकर सोशल मीडिया पर कई वीडियो और तस्वीरों को वायरल होते हुए देखा गया। हिंसा से जुडी लगभग हर खबर वायरल हुई। इसी सिलसिले में कुछ भ्रामक पोस्ट भी वायरल हुए। अब ऐसा ही एक पोस्ट वायरल हो रहा है जिसमें कई तस्वीरों का कोलाज देखा जा सकता है। इन तस्वीरों में हिंसा होती देखी जा सकती है। अब दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीरें हरियाणा में हो रही हिंसा को दर्शा रही हैं।
फेसबुक यूज़र 'सुरेंद्र सिंह' ने वायरल तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, "वाह रे हरियाणा के वीर हिंदुओं तुम पूरे दिल्ली को बंधक बना सकते हो? तुम भारत सरकार को चैलेंज कर सकते हो? सड़कों को जाम कर सकते हो? लेकिन अपनी इज्जत नहीं बचा सकते?यह हाल तो होना ही था जब तुम सड़कों पर बैठकर इन्हीं जिहादी गद्दारों का समर्थन ले रहे थे? आज इन्हीं गद्दारों ने तुम्हे तुम्हारी औकात बता दी।"
रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में वायरल पोस्ट भ्रामक पाया है। वायरल यह तस्वीरें हरियाणा में हो रही हिंसा की नहीं है।
स्पोक्समैन की पड़ताल
हमने इन तस्वीरों की एक-एक करके पड़ताल शुरू करनी शुरू की।
पहली तस्वीर
इस तस्वीर में एक पुलिस अफसर को एक व्यक्ति को लाठी मारते हुए देखा जा सकता है। इस तस्वीर को जब हमने रिवर्स इमेज सर्च किया तो हमें यह तस्वीर 22 दिसंबर 2019 की न्यूज़ 18 की खबर में प्रकाशित मिली।
बता दें कि इस तस्वीर को PTI का हवाला देते हुए कानपूर का बताया गया। यह तस्वीर Anti-CAA हिंसा से जुडी हुई है।
दूसरी तस्वीर
इस में एक जलती हुई कार को देखा जा सकता है। इस तस्वीर को जब हमने रिवर्स इमेज सर्च किया तो हमें यह तस्वीर 20 फरवरी 2013 की हिंदुस्तान टाइम्स की खबर में प्रकाशित मिली। यहां मौजूद जानकारी के अनुसार यह तस्वीर उत्तर प्रदेश के नॉएडा की है जहां एक यूनियन लीडर की मृत्यु पर रोष प्रदर्शन हिंसक रूप धार लेता है।
तीसरी तस्वीर
इस तस्वीर में एक पुलिस सिपाही के सामने कई वाहनों को जलते हुए देखा जा सकता है। इस तस्वीर को जब हमने रिवर्स इमेज सर्च किया तो हमें यह तस्वीर 26 अगस्त 2017 की टाइम्स ऑफ़ इंडिया की खबर में प्रकाशित मिली। यहां मौजूद जानकारी के अनुसार यह तस्वीर हरियाणा के पंचकूला की है जहां डेरा सौदा के प्रधान राम रहीम की गिरफ़्तारी पर उसके समर्थकों की तरफ से हंगामा और तोड़फोड़ मचाई गई थी।
चौथी तस्वीर
इस तस्वीर में पुलिस की टोली और पत्थरबाजों के बीच झड़प देखी जा सकती है। इस तस्वीर को जब हमने रिवर्स इमेज सर्च किया तो हमें यह तस्वीर 26 दिसंबर TIMES OF INDIA की खबर में प्रकाशित मिली।
बता दें कि इस तस्वीर को PTI का हवाला देते हुए कानपूर का बताया गया। यह तस्वीर Anti-CAA हिंसा से जुडी हुई है।
मतलब हमारी पड़ताल में यह साफ़ हो गया कि यह तस्वीरें हालिया हरियाणा में चल रही हिंसा से संबंधित नहीं हैं।
नतीजा- रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में वायरल पोस्ट भ्रामक पाया है। वायरल यह तस्वीरें हरियाणा में हो रही हिंसा की नहीं है।