इस वीडियो का किसानों के संघर्ष से कोई लेना-देना नहीं है।
RSFC (Team Mohali)- किसान संघर्ष 2024 को लेकर सोशल मीडिया पर किसानों के खिलाफ नफरत भरे बयान और झूठे-भ्रामक दावे वायरल हो रहे हैं। अब एक झड़प के वीडियो के जरिए दावा किया जा रहा है कि किसानों ने एक हिंदू मंदिर पर हमला किया है। इस वीडियो के जरिए इस आंदोलन को फर्जी बताकर किसानों पर निशाना साधा जा रहा है।
एक्स अकाउंट आशीष गुप्ता ने 14 फरवरी, 2024 को एक वायरल वीडियो शेयर किया और लिखा, "इन लोगो को किसान कहोगे। ये खलितानी सोच के आतंकवादी है। जो किसानों का मोखोटा पहनकर देश का नुकसान कर रहे है । #खालिस्तानी आंतकियों ने मन्दिर पर किया हमला और फिर कंजर डांस करते हुए ?? गंदी मानसिकता दे गंदे अंडे दी पैदाईश।"
इन लोगो को किसान कहोगे। ये खलितानी सोच के आतंकवादी है । जो किसानों का मोखोटा पहनकर देश का नुकसान कर रहे है । #खालिस्तानी आंतकियों ने मन्दिर पर किया हमला और फिर कंजर डांस करते हुए ?? गंदी मानसिकता दे गंदे अंडे दी पैदाईश। pic.twitter.com/i8qmIoyPZA
— Ashish Gupta??? (@caag9782) February 14, 2024
रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को झूठा पाया। इस वीडियो का किसानों के संघर्ष से कोई लेना-देना नहीं है। यह वीडियो अप्रैल 2022 में पटियाला में दो गुटों के बीच हुई झड़प का है, जिसे अब किसान संघर्ष 2024 के सिलसिले में वायरल किया जा रहा है।
स्पोक्समैन की पड़ताल
पड़ताल शुरू करते हुए हमने सबसे पहले इस वीडियो को ध्यान से देखा तो वीडियो में काली माता मंदिर का बोर्ड लिखा हुआ मिला। इस जानकारी को ध्यान में रखते हुए हमने कीवर्ड सर्च किया तो हमें मामले से जुड़ी कई खबरें मिलीं।
आपको बता दें कि इस वीडियो का किसान संघर्ष 2024 और किसानों से कोई लेना-देना नहीं है। यह वीडियो अप्रैल 2022 में शिव सेना और सिख संगठनों के बीच हुई झड़प से जुड़ा है।
आपको बता दें कि 29 मार्च 2022 को पटियाला शहर में शिव सेना नेता बाल ठाकरे के प्रदर्शन के विरोध में श्री काली माता मंदिर के बाहर गरम ख्याली समर्थक और हिंदू संगठन आमने-सामने आ गए और दोनों के बीच झड़प हो गई। इस वीडियो के सीन हमें कई रिपोर्ट्स में देखने को मिले।
30 अप्रैल 2022 की मामले को लेकर प्रकाशित रिपब्लिक भारत की वीडियो रिपोर्ट में ये दृश्य नीचे क्लिक करके देखे जा सकते हैं।
निष्कर्ष- रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को झूठा पाया। इस वीडियो का किसानों के संघर्ष से कोई लेना-देना नहीं है। यह वीडियो अप्रैल 2022 में पटियाला में दो गुटों के बीच हुई झड़प का है, जिसे अब किसान संघर्ष 2024 के सिलसिले में वायरल किया जा रहा है।