Fact Check: क्या चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने लोगों से सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने की अपील की? नहीं, ये दावा फर्जी है

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Fact Check: क्या चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने लोगों से सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने की अपील की? नहीं, ये दावा फर्जी है
Published : Aug 18, 2023, 6:44 pm IST
Updated : Aug 18, 2023, 6:44 pm IST
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Fact Check: Did Chief Justice DY Chandrachud appeal to people to protest against the government? no, this claim is fake
Fact Check: Did Chief Justice DY Chandrachud appeal to people to protest against the government? no, this claim is fake

रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को फर्जी पाया।

RSFC (Team Mohali)- भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की ओर से एक बयान सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीर के साथ वायरल किया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि डीवाई चंद्रचूड़ ने लोगों से सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने की अपील की है।

इस वायरल ग्राफ़िक का स्क्रीनशॉट नीचे देखा जा सकता है।

photo

screenshot of this viral graphic
 

रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को फर्जी पाया। इस बयान को लेकर भारत के सुप्रीम कोर्ट ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इसका खंडन किया है।

स्पोक्समैन की पड़ताल

पड़ताल शुरू करते हुए हमने सबसे पहले कीवर्ड सर्च के जरिए इस बयान के बारे में खबरें ढूंढनी शुरू कीं। आपको बता दें कि हमें इस बयान की पुष्टि करने वाली कोई खबर नहीं मिली लेकिन हमें कई खबरें मिलीं जिनमें दावा किया गया कि यह बयान फर्जी है।

हमें लाइव लॉ के आधिकारिक एक्स अकाउंट पर 14 अगस्त 2023 का एक ट्वीट मिला। ट्वीट में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति को साझा किया गया। इस प्रेस रिलीज में साफ कहा गया कि वायरल दावा फर्जी है।

विज्ञप्ति के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में आया है कि सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा की जा रही है, जिसमें लोगों को अधिकारियों के खिलाफ विरोध करने के लिए उकसाया जा रहा है और उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए मुख्य न्यायाधीश की तस्वीर का इस्तेमाल कर इस बयान को वायरल किया जा रहा है। ये पोस्ट फर्जी है। मुख्य न्यायाधीश ने न तो ऐसी कोई पोस्ट जारी की है और न ही किसी अन्य को इसका इस्तेमाल करने के लिए अधिकृत किया है। इस संबंध में आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

इस रिलीज़ को नीचे देखा जा सकता है।

सर्च के दौरान हमने पाया कि इंडिया टुडे ने 14 अगस्त 2023 को इस मामले पर एक लेख प्रकाशित किया था जिसमें सुप्रीम कोर्ट के महासचिव अतुल कुरहेकर और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी इस दावे का खंडन किया है।

 

नतीजा- रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को फर्जी पाया। इस बयान को लेकर भारत के सुप्रीम कोर्ट ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इसका खंडन किया है।

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ROZANASPOKESMAN

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