रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो में दिख रही महिला हिन्दू समाज से ही है।
RSFC (टीम मोहाली) - मीडिया हॉउस सुदर्शन न्यूज़ ने एक वीडियो शेयर करते हुए समुदाय विशेष पर निशाने साधे। इस वीडियो में एक महिला को एक चौराहे पर स्थित हिन्दू भगवान श्री राम की तस्वीर का अपमान करते हुए देखा जा सकता है। अब मीडिया हॉउस ने दावा किया कि भगवान श्री राम की तस्वीर का अपमान करती दिख रही यह महिला मुस्लिम समुदाय से है और इस महिला ने भगवान श्री राम के प्रति सरेआम नफरत ज़ाहिर की। इस वीडियो को धार्मिक नफरत के माध्यम से लोगों ने वायरल करना फिर शुरू कर दिया।
मीडिया हॉउस ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "कहां से भरा जा रहा है इतना जहर? बुर्काधारी महिला को प्रभु श्रीराम से इतनी नफरत क्यों? सड़क पर स्कूटी खड़ी की और फिर प्रभु श्रीराम की तस्वीर पर अंडे फेंके महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर की है घटना"
कहां से भरा जा रहा है इतना जहर?
— Sudarshan News (@SudarshanNewsTV) May 20, 2023
बुर्काधारी महिला को प्रभु श्रीराम से इतनी नफरत क्यों?
सड़क पर स्कूटी खड़ी की और फिर प्रभु श्रीराम की तस्वीर पर अंडे फेंके
महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर की है घटना pic.twitter.com/gVngRA64LZ
इसी तरह मीडिया हॉउस के पत्रकार सागर कुमार ने भी अपने ट्विटर अकाउंट से वीडियो को शेयर किया और बाद में उसे डिलीट कर दिया।
रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो में दिख रही महिला हिन्दू समाज से ही है। पुलिस बयान के अनुसार यह महिला मानसिक रूप से ग्रस्त डिप्रेशन से झुज रही है और इस हरकत के प्रति औरत का कोई गलत उद्देश्य नहीं था। पुलिस ने वायरल दावे का खंडन करते हुए लोगों को नफरत शेयर करने से बचने के लिए कहा गया।
स्पोक्समैन की पड़ताल
पड़ताल की शुरुआत करते हुए हमने सबसे पहले इस वीडियो को ध्यान से देखा और वीडियो को लेकर उल्लेखित जानकारी को ध्यान में रखते हुए न्यूज़ सर्च किया।
बता दें हमें मामले को लेकर "CP Chhatrapati Sambhajinagar Police" के ट्विटर हैंडल पर एक प्रेस रिलीज़ समेत वीडियो बाइट मिली। यह रिलीज़ और वीडियो मराठी भाषा में थे इसीलिए हमने मामले को लेकर मराठी भाषा के अनुवादक पायल से बात की।
— CP Chhatrapati Sambhajinagar Police (@CSNCityPolice) May 20, 2023
— CP Chhatrapati Sambhajinagar Police (@CSNCityPolice) May 20, 2023
पायल ने इस मामले को लेकर जारी रिलीज़ पढ़ी और हमें बताया, "पुलिस बयान के मुताबक वायरल वीडियो में दिख रही महिला हिन्दू समाज से ही है। यह महिला मानसिक रूप से कमज़ोर डिप्रेशन का शिकार है, इसीलिए उसने इस घटना को अंजाम दिया। वीडियो में दिख रही महिला का इस घटना को लेकर कोई गलत उद्देश्य नहीं था। रिलीज़ के मुताबक इस महिला का नाम शैलजा उदावत उर्फ़ शिल्पा गरुड़ है।"
पायल ने इस मामले को लेकर बताया कि कमिश्नर मनोज लोहिया ने आम लोगों से इस वीडियो को गलत मंशा से वायरल करने से बचने के लिए कहा है और उन्होंने वायरल साम्प्रदायक दावे का पूरी तरह से खंडन किया है।
मतलब साफ़ था कि वायरल दावा फ़र्ज़ी है।
नतीजा- रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो में दिख रही महिला हिन्दू समाज से ही है। पुलिस बयान के अनुसार यह महिला मानसिक रूप से ग्रस्त डिप्रेशन से झुज रही है और इस हरकत के प्रति औरत का कोई गलत उद्देश्य नहीं था। पुलिस ने वायरल दावे का खंडन करते हुए लोगों को नफरत शेयर करने से बचने के लिए कहा गया।