कांजीवरम साड़ी का ताल्लुक मुख्य रूप से दक्षिण भारत के तमिलनाडु से है.
बनारसी और कांजीवरम साड़ियां आपको एक खूबसूरत ट्रेडिशनल लूक देता है. लेकिन ज्यादात्तर महिलाएं इन साड़ियों में फर्क ही नहीं कर पाती है. ये साड़ियां बेहद मेहनत के साथ बनाई जाती हैं और ये काफी महंगे दामों में भी आती हैं.
कांजीवरम साड़ी और बनारसी साड़ी देखने में लगभग एक जैसी ही लगती हैं और दोनों के फैब्रिक की चमक भी करीब बराबर ही होती है. ऐसे में अगर आपको सही जानकारी हो तो आप आराम से कांजीवरम और बनारसी साड़ी में फर्क कर सकती हैं.
कांजीवरम साड़ी का ताल्लुक मुख्य रूप से दक्षिण भारत के तमिलनाडु से है और ये साड़ियां असली रेशम के गोल्डन धागों से बनाई जाती हैं. वहीं अगर बात बनारसी साड़ी की बात करें तो ये बनारस की पहचान है. बनारसी साड़ियों को जरी के धागे से बुना जाता है और अलग-अलग पैटर्न बनाए जाते हैं. बनारसी साड़ियों में आपको अमूमन बेल, पत्तियां, अमरू, अंबी, दोमक आदि के पैटर्न बने हुए देखने को मिलते हैं. इसके डिजाइन काफी सफाई के साथ बने हुए होते हैं.
कांजीवरम साड़ियां छूने में काफी हल्की और मुलायम होती हैं. वहीं बनारसी साड़ी अपने जरी वर्क की वजह से थोड़ी भारी हो सकती हैं. अगर इन पर लाइट पड़ती है तो आप देखेंगे कि इसका फैब्रिक अलग-अलग तरह की चमक मारता है. वहीं इसके धागों को खुरचने पर अंदर सा लाल सिल्क निकलता है.