कैसे तैयार किया जाता है मखाना? जानिए मखाना बनाने की पूरी प्रक्रिया

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कैसे तैयार किया जाता है मखाना? जानिए मखाना बनाने की पूरी प्रक्रिया
Published : Feb 9, 2025, 6:03 pm IST
Updated : Feb 9, 2025, 6:03 pm IST
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how is white gold makhana finally prepared know the complete process
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आपको बता दें कि बिहार के 10 जिलों में मखाना की खेती होती है। अकेले बिहार में 80 प्रतिशत मखाना का उत्पादन होता है।

Makhana Harvesting: केंद्रीय वित्त मंत्री ने अपना आठवां बजट पेश करते हुए मखाना का भी जिक्र किया। यदि रिपोर्टों पर विश्वास किया जाए तो भारत विश्व का 90 प्रतिशत मखाना उत्पादित करता है। वहीं, अकेले बिहार में 80 प्रतिशत मखाना का उत्पादन होता है। वित्त मंत्री ने बिहार में मखाना बोर्ड के गठन की भी बात कही। सरकार मखाना के उत्पादन पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास कर रही है और इससे व्यापारियों को लाभ होगा।

आपको बता दें कि बिहार के 10 जिलों में मखाना की खेती होती है। मखाना बिहार के सीतामढ़ी, मधुबनी, दरभंगा, सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, अररिया, पूर्णिया, कटिहार और किशनगंज जिलों में उगाया जाता है। यहां के रेस्तरां को भी जीआई टैग दिया गया है।

मखाना कैसे उगता है?

आपको बता दें कि मखाना कमल के पौधे का एक हिस्सा है। यह कमल के फूल का बीज है, जिसे प्रसंस्कृत किया जाता है। मखाना प्रसंस्करण के माध्यम से तैयार किया जाता है। इसके बीजों को दिसंबर के महीने में किसी तालाब या गड्ढे में बोया जाता है। बीज बोने से पहले तालाब को साफ करना महत्वपूर्ण है।

इसके बीजों को बोते समय यह ध्यान रखा जाता है कि उनके बीच की दूरी अधिक न हो। 30 दिनों के भीतर यह देखा जाता है कि बीज अंकुरित हो रहा है या नहीं।

इन्हें एकत्रित करने का कार्य आसान नहीं है। इन्हें गोता लगाकर या बांस की मदद से पानी से बाहर निकाला जाता है। इसके बाद इन्हें बड़े बर्तनों में रखा जाता है और लगातार हिलाया जाता है। ऐसा करने से कमल के बीजों पर लगी गंदगी साफ हो जाती है। इसके बाद इन्हें पानी से धोया जाता है। अब साफ किए गए बीजों को थैलियों में भर दिया जाता है और फिर बेलनाकार कंटेनरों में भर दिया जाता है।

इस कंटेनर को जमीन पर काफी देर तक घुमाया जाता है ताकि बीज चिकने हो जाएं। इसके बाद इन बीजों को अगले दिन के लिए तैयार किया जाता है। इसके बाद अगले दिन बीजों को कम से कम 3 घंटे तक सुखाया जाता है।

 तलने के बाद तैयार 

जब मखाने पूरी तरह सूख जाएं तो उन्हें तला जाता है। यह पूरी प्रक्रिया एक निश्चित समय सीमा के भीतर पूरी की जानी चाहिए। तलने के बाद इन्हें एक बांस के बर्तन में रखा जाता है, जिसे एक विशेष कपड़े से ढक दिया जाता है। सही तापमान बनाए रखने के लिए इस पर गाय के गोबर का लेप लगाया जाता है। कुछ घंटों के बाद उन्हें फिर से तला जाता है और वही प्रक्रिया अपनाई जाती है। जब बीज फूटता है तो उसमें से सफेद गूदा निकलता है।

बहुत उपयोगी है मखाना
मखाना हर उम्र के लोग खा सकते हैं। इसे हल्के नाश्ते के रूप में भी जाना जाता है। इसे खाने से मोटापा, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और हृदय रोग में लाभ होता है।

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ROZANASPOKESMAN

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