पौधों के नीचे रखीं प्लेट्स आमतौर पर उनके लिए बेहद लाभदायक हैं, लेकिन बारिश के मौसम में ये पौधों को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
Gardening Tips News in Hindi: पौधों के नीचे रखीं प्लेट्स वैसे तो आमतौर पर उनके लिए बेहद लाभदायक हैं, लेकिन बारिश के मौसम में ये पौधों को नुकसान पहुंचा सकती हैं। जानिए ऐसा क्यों होता है और इसे हटाने के बाद क्या कुछ उपाय करने चाहिए...
सबसे पहले जानते हैं कि बाकी के मौसमों में पौधों के पोषक तत्वों को सहेजने वाली इन प्लेट्स को बारिश में आखिर हटाना क्यों चाहिए। तो इसका पहला कारण है कि बारिश के चलते ये अक्सर ही भरी रहती हैं। लंबे समय तक प्लेट्स में पानी भरे रहने से इनमें कई तरह के कीड़े-मकोड़े पैदा होने लगते हैं जो पौधों को नुकसान पहुंचाते हैं। दूसरा कारण है कि प्लेट्स में भरे हुए इस पानी से पौधे की मिट्टी भी नीचे से धीरे-धीरे खराब होना शुरू हो जिससे जाती है। पौधे की जड़ें सड़ सकती हैं और पौधा मर सकता है। इसके अलावा फंगस पैदा होने की भी आशंका रहती है। इसलिए पौधे के विकास के लिए बारिश के मौसम में इन प्लेट्स को हटा देना जरूरी है। हालांकि इन प्लेट्स को हटाने के बाद आपको कुछ उपाय भी करने होंगे।
ये उपाय करें-
- प्लेट्स हटाने के बाद गमलों को थोड़ा-सा टेढ़ा करके रख दें। इसके लिए एक पत्थर को गमले के नीचे एक तरफ (एक सिरे पर) रख दें। जब गमला टेढ़ा हो जाएगा तो अतिरिक्त पानी अपने आप ही गमले से बाहर निकल जाएगा। ध्यान रहे, मुंडेर पर ऐसा न करें।
- चूंकि अब आपने प्लेट्स निकाल दी हैं तो गमलों की समय-समय पर जांच भी करते रहें और अतिरिक्त पानी को गमला टेढ़ा करके बाहर निकाल दें।
- जब प्लेट्स को हटाएं तो पौधों को जमीन के बजाय स्टैंड पर रख दें। इससे पौधों को सही तरह से हवा मिलती रहेगी।
- गमलों के नीचे से प्लेट्स हटाने के बाद पौधों का पानी छत में सीलन का कारण ना बने इसके लिए जांच लें कि गमलों के ड्रेनेज होल ठीक हैं या नहीं, जिससे अतिरिक्त पानी धीरे-धीरे रिस-रिसकर निकलने के बजाय आसानी से निकल जाए।
- बारिश के समय में बार-बार जल भराव होने के कारण पौधों में रोग और कई तरह की समस्याएं भी पैदा हो जाती हैं। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि जलभराव होने से पौधे के पोषक तत्व अतिरिक्त पानी के साथ बहकर बाहर निकल जाते हैं। इसलिए पोषण के लिए पौधों को उचित खाद दें। इसके लिए नाइट्रोजन और जीवाश्म युक्त खाद का उपयोग कर सकते हैं।
- इस मौसम में कई तरह के कीटों का भी पौधों पर प्रहार होता है। पर ध्यान रहे पौधे को किसी भी नुकसान से बचाने के लिए कैमिकल युक्त कीटनाशकों का इस्तेमाल करने के बजाय प्राकृतिक कीटनाशकों जैसे नीम की पत्तियों का चूर्ण, निबोली या गौ-मूत्र आदि का इस्तेमाल करें।
- गमले के स्टैंड दीवारों से सटाकर ना रखें। इससे दीवारों का पानी सीधे गमलों में जाता है जो अतिरिक्त जलभराव की स्थिति को पैदा कर सकता है।
- गमले को खुला रखने के बजाय उसे छाया में रखने की कोशिश करें। इसके लिए चाहें तो ग्रीन नेट या फिर पतले कपड़े का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे पौधे पानी के सीधे संपर्क में नहीं आएंगे। इसके अलावा उन्हें पर्याप्त हवा भी मिलती रहेगी और आवश्यकता पड़ने पर आप आसानी से इन ग्रीननेट या पतले कपड़े को हटा भी पाएंगे।
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