कुशवाहा ने केंद्रीय संस्कृति मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को पत्र लिखकर इसके लिए आभार व्यक्त किया .
Upendra Kushwaha News : राष्ट्रीय लोक जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने केंद्र सरकार द्वारा पटना के कुम्हरार स्थित सम्राट अशोक के महल और उसके भग्नावशेषो के संरक्षण हित में जारी किये गए दस्तावेजों का स्वागत करते हुए कहा कि भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा स्वतंत्र भारत में लिया गया यह सबसे महत्वपूर्ण निर्णय है. पटना में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कुशवाहा ने कहा कि भारत सरकार के संरक्षण में राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण ने जो दस्तावेज जारी किया है उसके आधार पर सम्राट अशोक को विश्व के पटल पर न सिर्फ गौरवांवित करने का काम करेगा, बल्कि यह आजातशत्रु, चन्द्रगुप्त, और सम्राट अशोक की प्राचीन राजधानी को देखने, समझने का एक व्यापक दृष्टिकोण भी सामने लायेगा. इस सम्बन्ध में कुशवाहा ने केंद्रीय संस्कृति मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को पत्र लिखकर इसके लिए आभार व्यक्त किया .
कुशवाहा ने कहा कि एन.डी.ए से पहले की सरकारों ने सम्राट अशोक की विरासत को समझने और दुनिया के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए कभी कोई प्रयास नहीं किया| दुर्भाग्यवश राष्ट्र, खासकर बिहार के गौरव से जुड़े इस विषय पर बिहार सरकार ने भी बड़ा उदासीन रुख अपनाया. 1912-14 के दौरान डॉ स्नूपर द्वारा जब स्तम्भ वेदिका की खोज की उसके बाद 1951 से 1955 के बीच के.पी.जायसवाल अनुसंधान संस्थान द्वारा वहां उत्खनन किया गया तो 80 स्तंभ वाले सभागार सहित 600 ई० तक के 8 और आधार तथ्यों का पता लगा. परन्तु स्थानीय तकनीकी कारणों का हवाला देकर 2004 में इसे स्थगित कर दिया गया. 2005 से नीतीश कुमार बिहार की सत्ता में आये. विभिन्न अवसरों पर जातीय और राजनैतिक फायदे के लिए सम्राट अशोक को याद तो जरुर करते रहे परन्तु इस गौरवशाली स्थल के विकास के लिए कोई प्रयास नहीं किया. कुशवाहा ने राज्य सरकार से मांग की कि बिहार के इस गौरवशाली विश्वधरोहर को दुनिया के सामने जीवंत करने के लिए केंद्र सरकार से मिलकर प्रयास करे.
संवाददाता सम्मेलन में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सह प्रवक्ता ई० शम्भु नाथ सिन्हा, प्रदेश महासचिव सह प्रवक्ता राम पुकार सिन्हा, प्रदेश प्रवक्ता ई० हेमन्त कुमार, नितिन भारती, प्रदेश उपाध्यक्ष डा० निर्मल कुमार सिंह, अंगद कुशवाहा, अनंत कुमार गुप्ता, ई० स्मृति कुमुद आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे.