चौधरी ने कहा, "क्या ‘उल्टा लटका देंगे’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करना गृह मंत्री को शोभा देता है"।
पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस बयान की सोमवार को निंदा की जिसमें उन्होंने कहा था कि राज्य में भाजपा के सत्ता में आने पर दंगाइयों को उल्टा लटका दिया जाएगा। प्रदेश सकार के संसदीय मामलों के मंत्री विजय कुमार चौधरी ने विधानसभा के बाहर यह टिप्पणी की।
पिछले हफ्ते सासाराम और बिहारशरीफ शहरों में हुए दंगों पर सत्ताधारी महागठबंधन और विपक्षी दल भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप के मद्देनजर सदन की कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही मिनटों के अंदर स्थगित कर दी गई।
रविवार को, एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में, राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक ने दावा किया था कि रामनवमी उत्सव के दौरान भड़के सांप्रदायिक दंगे पर "पूरी तरह से काबू पा लिया गया है और दोनो दंगा प्रभावितों इलाकों में 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
सत्तासीन जद (यू) के एक वरिष्ठ नेता चौधरी ने रविवार को नवादा जिले में एक रैली को संबोधित करने वाले शाह पर निशाना साधते हुए कहा, "देश के गृह मंत्री के रूप में यह उनके लिए आवश्यक था कि वे शांति की अपील करते लेकिन उन्होंने इस अवसर का इस्तेमाल चुनावी रूप से स्थिति का फायदा उठाने और सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए किया।’’
चौधरी ने कहा, "क्या ‘उल्टा लटका देंगे’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करना गृह मंत्री को शोभा देता है"। जद (यू) के शीर्ष नेता नीतीश कुमार के लिए राजग के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो जाने संबंधी शाह के बयान का मज़ाक उड़ाते हुए उन्होंने कहा कि क्या उनके पास पार्टी की ओर से कोई प्रस्ताव आया है। उन्होंने कहा कि स्पष्ट रूप से शाह इस तरह के बयान देकर अपनी बौखलाहट को जगजाहिर कर रहे हैं।
यह दोहराते हुए कि रोहतास और नालंदा के जिला मुख्यालय क्रमशः सासाराम और बिहारशरीफ में स्थिति के "पूरी तरह से नियंत्रण में होने का दावा करते हुए चौधरी ने मीडियाकर्मियों से आग्रह किया कि "अगर आपके पास कोई भी जानकारी साझा करें जो हमें अधिक अपराधियों की पहचान करने में मदद कर सके।"
चौधरी ने कहा, ‘‘यह अच्छी तरह से पता है कि सांप्रदायिकता के प्रति हमारे नेता की नीति कत्तई बर्दाश्त नहीं की है। उल्लेखनीय है कि शाह को सासाराम में अपना कार्यक्रम रद्द करना पड़ा, जिसके लिए भाजपा ने शहर में धारा-144 लागू करने का आरोप लगाया, हालांकि रोहतास के जिला प्रशासन ने इस बात से इनकार किया है कि निषेधाज्ञा लागू की गई थी।